नंदगंज : कुसुम्हीं कलां में 24 घंटे में यूपी का सबसे बड़ा हादसा, महाकुंभ से कल्पवास कर जा रहे 8 तीर्थयात्रियों की मौत, 13 घायल, 100 मीटर तक बिछी लाश





नंदगंज। एक तरफ पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा माह के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है तो दूसरी तरफ थानाक्षेत्र के कुसुम्हीं कलां में गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन पर एक बार फिर से लापरवाही व चंद रूपए बचाने की ख्वाहिश ने न सिर्फ शुक्रवार का यूपी का सबसे बड़ा सड़क हादसा करा दिया, बल्कि एक ही झटके में 5 साल की मासूम समेत 8 कुंभ तीर्थयात्रियों की जान चली गई। वहीं 13 लोग घायल हो गए। घटना के बाद मौके पर आनन फानन में डीएम समेत पूरा जिला प्रशासन धमक पड़ा और तत्काल सड़क को साफ कराकर आवागमन बहाल कराते हुए शवों को पोस्टमार्टम व घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया। बीते 24 जनवरी को ही गोरखपुर के बासगांव थानाक्षेत्र के हरदीचक गांव निवासी करीब 50 तीर्थयात्रियों का जत्था महाकुंभ में स्नान के लिए दो साधनों से प्रयागराज गया था। तभी से वो वहीं पर टेंट डालकर रह रहे थे। आने-जाने के खर्च को कम करने के लिए तीर्थयात्रियों ने दो डीसीएम को बुक किया था। लेकिन दो डीसीएम में करीब 50 लोगों को बिठाने के लिए चालक ने जुगाड़ लगाया और दोनों डीसीएम को डबल डेकर बना दिया। एक डीसीएम के अंदर बीच में कई पटरे लगाकर उसमें छत बना दी और उसी के दोनों तलों पर कुल 24 तीर्थयात्रियों को बिठा दिया, जिसमें महिला, पुरूष व बच्चे शामिल थे। बिठाने के साथ ही जगह बचाने के लिए उसके पीछे के बंद करने की बजाय उसे रस्सी के सहारे बांधकर बीच में अटकाकर इतना बड़ा कर दिया कि उस पर कुछ लोग बैठ सकें। इस बीच शुक्रवार की दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर तीर्थयात्रियों से खचाखच भरी हाईस्पीड ओवरलोड डीसीएम कुसुम्हीं कलां पहुंचा। तभी पीछे से आ रहे एक वाहन के किनारे से डीसीएम को साइड टक्कर लगी। लेकिन उतनी टक्कर से हाईस्पीड डीसीएम अनियंत्रित हो गई और उसमें भरे यात्रियों के वजन से वो बाईं तरफ झुककर लहराने लगी। जिसके चलते उसमें बाईं तरफ मौजूद अधिकांश लोग फिसलकर बाहर गिरने लगे और तभी पीछे से आ रही तेज रफ्तार ट्रेलर करीब 18 लोगों को रौंदते हुए फरार हो गई। करीब 100 मीटर तक ये घटना हुई और उक्त ट्रेलर तीर्थयात्रियों को करीब 100 मीटर तक रौंदते हुए लेकर गया। जिसमें मौके पर ही एक 5 साल की बच्ची समेत कुल 7 लोगों की मौत हो गई और करीब 13 लोग घायल हो गए। वहीं डीसीएम चालक ने कूदकर अपनी जान बचा ली। इसके बाद घायलों को अस्पताल ले जाया गया। जहां एक और व्यक्ति की मौत के साथ कुल मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 8 हो गया। इधर घटना के बाद कुछ ही मिनटों के अंदर डीएम आर्यका अखौरी, एसपी डॉ. ईरज राजा, एडीएम, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र प्रसाद, सीएमओ डॉ. देशदीपक पाल, सीओ सिटी, थानाध्यक्ष कमलेश कुमार समेत यातायात पुलिस भी मौके पर पहुंच गए और फौरन घटनास्थल से काफी पहले बैरिकेडिंग करके वाहनों को दूसरे लेन से रवाना करना शुरू कर दिया। इसके बाद पर मची चीख-पुकार के बाद घायलों को तत्काल जिला अस्पताल भेजा। वहीं मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के दौरान डीसीएम में बैठे पीड़ित बहादुर गुप्ता पुत्र भोला ने बताया कि किसी वाहन से टक्कर के बाद गाड़ी बाईं तरफ झुकी और बाईं तरफ बैठे अधिकांश लोग फिसलकर बाहर जाने लगे। इसी बीच उसके सिर पर तिरपाल आ गया, जिससे वो और कुछ नहीं देख सका। उसने बताया कि मौके पर ही मरने वालों में एक 5 साल की बच्ची के साथ ही 2 पुरूष व 4 महिलाएं शामिल थीं। जिसमें दोनों पुरूष मृतकों में हरदीचक गांव निवासी 45 वर्षीय अमर सिंह पुत्र शंभू सिंह व 55 वर्षीय सुरेंद्र गुप्ता पुत्र रामप्यारे गुप्ता के साथ ही उसी गांव निवासी मुन्ना की पत्नी भी शामिल है। शेष अन्य को वो नहीं पहचान पाया। इधर जब पुलिस ने पड़ताल की तो सभी मृतकों व घायलों के नाम स्पष्ट हुए। मृतकों में हरदीचक बांसगांव के अमर सिंह 45 पुत्र शम्भू सिंह व उनकी महज 5 साल की बेटी नित्या सिंह सहित सुरेन्द्र गुप्ता 55 पुत्र रामप्यारे गुप्ता, लीलावती 40 पत्नी सिद्धू गुप्ता, श्यामसुन्दर 45 पुत्र शहजादे सिंह, पुष्पा देवी 40 पत्नी अजय यादव, इसरावती 45 पत्नी चन्द्रभान निवासिनी सुवा बाजार, खोराबार व सुधा चौरसिया 55 पत्नी त्रिलोकी चौरसिया निवासिनी हरदोबर, बांसगांव की मौत हो गई। वहीं 14 घायलों में हरदीचक की वन्दना सिंह 40 पत्नी अमर सिंह, उनकी बेटी 12 साल की अंशिका सिंह, धानमति 30 पत्नी नारायण सिंह, सोमारी 55 पत्नी घुरहू, गुंजा 50 पत्नी सुरेन्द्र, आर्यन सिंह 20 पुत्र जयप्रकाश सिंह, रामआसरे 65 पुत्र विनेश्वर यादव, अंश यादव 13 पुत्र राजेश यादव, घूरहु गुप्ता 58 पुत्र स्व. सोमई गुप्ता, गंगा 55 पुत्र शिवपूजन निवासी बल्लोचक, आदित्य 8 पुत्र अनिल, लालदेवी 55 पत्नी गोविन्दा व मुन्नी सिंह 40 पत्नी सोनू सिंह निवासिनी उमहेरीक सहजनवां गंभीर रूप से घायल हो गए। इधर दूसरी गाड़ी से पीछे आ रहे तीर्थयात्री भी रूक गए और सभी को बाहर निकाला। घटना के बाद पूरे हाईवे पर करीब 100 मीटर तक खून ही खून व मांस के लोथड़े बिखरे नजर आ रहे थे। साथ ही हर तरफ जूते चप्पल, बच्चों के खिलौने, गैस सिलिंडर, कंबल आदि सामान बिखरे पड़े थे। जिन्हें हटाकर पटरी पर रखा गया। वहीं खून पर मिट्टी डालकर उसे धुंधला किया गया। इधर घटना के बाद जिलाधिकारी ने वहीं पर मौजूद पेट्रोल पंप पर जाकर डीसीएम चालक से पूछताछ की और पंप कर्मियों से पूछताछ करते हुए सीसीटीवी फुटेज भी देखा। कहा कि जिस तरह का हादसा हुआ है, काफी दुःखद है। कहा कि सड़कों पर बेतरतीब ढंग से तीर्थयात्रियों को भरकर डीसीएम चालक चल रहे हैं। ऐसे में उन्होंने तीर्थयात्रियों से भी अपील किया कि वो इस तरह से खतरनाक ढंग से वाहनों में भरकर न जाएं। क्योंकि ऐसे वाहन में पीछे रोकने वाले फाटक को भी जगह बनाने के लिए खोल दिया जा रहा है। ऐसे में अंदर बैठे लोग किसी भी वक्त बाहर सरककर गिर सकते हैं। इधर उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि सड़कों पर इस तरह से भरकर जा रहे वाहनों को रोककर जांच करें। इधर घटना के बाद जिला अस्पताल पहुंचने पर घायलों का हाल जानने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह जिला अस्पताल पहुंचे और उनका हाल जाना। इसके बाद चिकित्सकों से वार्ता की।



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