गाजीपुर : विश्व मलेरिया दिवस पर सीएमओ कार्यालय सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर हुए जागरूकता कार्यक्रम, स्कूल में बच्चों को भी किया जागरूक





गाज़ीपुर। जिले में शुक्रवार को विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय समेत ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर विविध जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में सीएमओ कार्यालय सभागार में एसीएमओ डॉ संजय कुमार की अध्यक्षता में शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके अलावा अंधउ स्थित डालिम्स सनबीम स्कूल में जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने छात्रों को मलेरिया के लक्षण, जांच, उपचार और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया गया। कहा कि मलेरिया वाहक एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर ज़्यादातर अनुपयोगी कुओं, तालाब/पोखरा, सीमेंट के टैंक, नाले, जल जमाव एवं पानी जमा होने वाले निचले क्षेत्र जगहों पर पनपता है। मच्छरों के पनपने वाली जगहों की निगरानी करें और उनका नियमित निराकरण करें। सीएमओ ने कहा कि मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था, जबकि अब दो से तीन महीने छोड़कर पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर मलेरिया रोकने के लिए अब शहरी क्षेत्र में लार्वारोधी छिड़काव का कार्य पूरे साल चलेगा। साथ ही हमारी स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिह्नित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम ‘मलेरिया हमारे साथ समाप्त होता है - पुनर्निवेश, पुनर्कल्पना, पुनर्जीवन’ है। डीएमओ ने बताया कि वर्तमान में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराई जा रही है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया की जांच व उपचार की सुविधा जिला मुख्यालय सहित सभी सीएचसी, पीएचसी व आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर रोगी की पहचान कर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट से त्वरित जांच कर रही हैं। इसके लिए समस्त आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है। जांच में मलेरिया ग्रसित पाए जाने पर जल्द से जल्द रोगी का पूर्ण उपचार किया जाएगा। बताया कि मलेरिया का प्रसार मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरे एक सप्ताह का समय लगता है। इस कारण सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< सादात : बजाज फाइनेंस के मैनेजर को तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, मौत के बाद मचा कोहराम
सैदपुर : आतंकी हमले के विरोध में विहिप और बजरंग दल का सैदपुर में प्रदर्शन, पाकिस्तान व आतंकवाद का फूंका पुतला >>