विश्व मलेरिया दिवस पर सीएमओ ने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का किया निरीक्षण, मलेरिया किट से अपने सामने कराई मरीज की जांच


गोरखपुर। लक्षण दिखने पर शीघ्र जांच और इलाज से मलेरिया पूरी तरह से ठीक हो जाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि घर के बाहर और भीतर एकत्रित हुए पानी की साफ सफाई और मच्छरों से बचाव के उपाय में विभागीय प्रयासों के साथ सामुदायिक सहयोग भी आवश्यक है। इसे बढ़ाने के उद्देश्य से ही प्रति वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने शक्तिनगर और गंगानगर आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण किया। उन्होंने शक्तिनगर में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पल्लवी राय से अपने सामने मलेरिया किट से जांच कराई। वहीं गंगानगर आयुष्मान आरोग्य मंदिर में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को अस्पताल और सेवाओं का प्रचार प्रसार कराने को कहा। बताया कि वर्ष 2027 तक प्रदेश में भी मलेरिया का उन्मूलन करना है और इस कार्य के लिए समुदाय की भागीदारी बढ़ाने पर जोर है। लोगों को ‘हर रविवार, मच्छर पर वार’ के नारे को साकार करना होगा और इस दिन घर के आसपास एकत्रित पानी को साफ करना पड़ेगा। कूलर और अन्य पात्रों के पानी की भी साफ सफाई जरूरी है। इस बीमारी का मच्छर साफ पानी में एकत्रित होता है और सुबह शाम काटता है। बारिश का मौसम शुरू होने से पहले पानी के टैंक, गमले, पशु पक्षियों के पीने के पानी के पात्र, नारियल के खोल और बोतल जैसी सामग्री में पानी को इकट्ठा होने से रोकने के लिए उपाय करने हैं या फिर निष्प्रयोज्य सामग्री को नष्ट कर देना है। सीएमओ ने बताया कि संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से यह बीमारी होती है। मच्छर के काटने के 13वें से 14वें दिन में इसके लक्षण आते हैं। नियमित अंतराल पर तेज बुखार के साथ ठंड लगना, कमजोरी, पसीना होना, बार-बार उल्टी होना, पेशाब में जलन, मूत्र का कम आना, लाल मूत्र आना और खाना खाने में असमर्थता इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। इसके रैपिड डॉयग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) की सुविधा आशा कार्यकर्ता से लेकर उच्च चिकित्सा संस्थानों तक में उपलब्ध है। स्लाइड से जांच की व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों में मौजूद है और इसकी सभी दवाएं भी वहां उपलब्ध है। डॉ झा ने बताया कि मलेरिया के दो प्रकार प्लाजमोडियम वाईबैक्स (पीबी) और प्लाजमोडियम फैल्सीफोरम (पीएफ) प्रमुख तौर पर हमारे अंचल में पाए जाते हैं। पीएफ मलेरिया का समय से इलाज न करने पर जटिलताएं अधिक बढ़ सकती हैं और इसके कई मामलों में रक्तस्राव का भी होने लगता है। अगर इसकी समय से पहचान कर इलाज हो तो महज तीन दिन की दवा से ठीक हो जाता है। कहा कि जब कोई आशा कार्यकर्ता किसी संभावित मरीज का किट से जांच करती है और उसमें मलेरिया की पुष्टि होती है तो लैब टेक्निशियन की मदद से स्लाइड जांच भी करायी जाती है। समय-समय पर एलटी, सीएचओ और आशा का इस संबंध में संवेदीकरण भी किया जाता है। सीएमओ ने निरीक्षण के दौरान शक्तिनगर आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर मरीजों से फीडबैक लिया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से आईयूसीडी सेवाएं शुरू करने और परिवार नियोजन बाक्स को नियमित भरने करने को कहा। साथ ही टेलीकंसल्टेशन की सुविधा पर विशेष जोर देने को कहा। शक्तिनगर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने सीएमओ को बताया कि विश्व मलेरिया दिवस पर बुखार के रोगियों की जांच की जा रही है। लोगों को इस मलेरिया के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। वहीं गंगानगर आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर निरीक्षण के दौरान मरीज कम मिलने पर सीएमओ ने केंद्र के प्रचार प्रसार का निर्देश दिया। सीएमओ ने केंद्रों पर उन प्रचार सामग्री को देखा जिनके जरिए उच्च चिकित्सा केंद्रों पर सही संदर्भन का विवरण दिया गया है। इन सामग्री को सभी केंद्रों पर लगाया गया है। साथ ही जिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज और अन्य उच्च चिकित्सा केंद्रों पर प्रचार सामग्री के जरिये आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के बारे में जानकारी दी जा रही है।