लंपी वायरस की संभावना के बाद सीवीओ ने कई गांवों में पशुओं की देखी स्थिति, पशु चिकित्सकों को दिया निर्देश





ख़ानपुर। क्षेत्र के सिधौना, ईशोपुर सहित आधा दर्जन गांवों में पशु चिकित्सकों की टीम ने लंपी संक्रमित पशुओं का इलाज किया। मंगलवार को सीवीओ डॉ एसके रावत के साथ पशु चिकित्सकों की टीम ने कई गांवों में लंपी जैसे बीमारी से पीड़ित गायों का जांच पड़ताल कर इलाज किया। सीवीओ ने बताया कि लंपी लक्षणों से पीड़ित पशुओं को इलाज से ठीक किया जा रहा है। पशुपालकों को घबराने की जरूरत नही है। मक्खी, मच्छरों के काटने से बीमार पशुओं में बुखार का होना, शरीर में गांठों का उभरना, घाव बनना होता है। लंपी जैसे लक्षणों से संक्रमित पशुओं को अलग कर देना चाहिए। उसे अन्य पशुओं से अलग खानपान के साथ रखना जरूरी है। डॉ सुनील शुक्ला ने कहा कि बीमार पशुओं के दूध पीने से कोई खतरा नहीं है। दूध को अच्छी तरह उबालकर पीना चाहिए। खानपुर पशु अस्पताल के डॉ पीके श्रीवास्तव, गौरी के डॉ दिलीप सिंह और सिधौना के डॉ दीनदयाल, फार्मासिस्ट जयप्रकाश की टीम ने कई गांवों में लंपी बीमारी को लेकर पशुओं की जांच कर उनका उपचार किया। पशु चिकित्सकों की टीम पशुपालकों को साफ सफाई रखने के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि लंपी स्किन डिजीज वायरल बीमारी है। जिसमें सावधानी सफाई और इलाज से पशुओं को ठीक किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने सभी पशु चिकित्सकों को अस्पतालों पर प्रतिदिन सुबह 10 बजे से 4 बजे तक पशुपालकों से संपर्क कर पशुओं का इलाज करने को आदेशित किया है। चिकित्सकों को अस्पताल पर नियमित ड्यूटी के साथ ही प्रतिदिन दो गांवों का दौरा कर पशुओं का इलाज करने को आदेशित किया।



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