एक माह तक सिर्फ कागजों पर चलता रहा संचारी रोग नियंत्रण अभियान, नोडल बने स्वास्थ्य महकमे में ही लगा गंदगी का अंबार



जखनियां। संचारी रोगों की रोकथाम के लिए शासन के आदेश पर बीते माह बडे़ पैमाने पर स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण व जागरूकता अभियान चलाया गया। सफाई के साथ ही दवाओं के छिड़काव का भी दावा किया गया। लेकिन यहां चिराग तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर के अलावा चहारदीवारी के आस पास भी गंदा पानी भरा है। घरों व कालोनियों से निकलने वाला गंदा पानी भी झील जैसा मंजर प्रस्तुत कर रहा है। ऐसे में समूचे क्षेत्र में संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका है। मानसून के दौरान संचारी रोगों की रोकथाम के लिए एक से 31 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया गया व 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया गया था। इसके तहत लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश शासन ने दिए थे। जिसे सफल बनाने में जनपद के 15 प्रमुख विभाग जुटे हुए थे। इस अभियान का नोडल स्वास्थ्य महकमे को बनाया गया था। लेकिन आलम ये रहा कि अभियान सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया। यहां तक कि खुद को नोडल कहने वाले स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे आने वाले सीएचसी कार्यालय के आसपास भी जलभराव है और गंदगी फैली है। स्थिति ये है कि मच्छरों की भरमार व दुर्गंध से सांस लेना मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गंदे पानी की निकासी न होने से मच्छरों से सभी परेशान हैं। सामाजिक कार्यकर्ता वेद प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि बजबजाती नालियों से भीषण दुर्गंध उठती है। सांस लेना मुश्किल हो गया है। बरसात होने पर पूरे बाजार में जलभराव कचरे के रुप मे जमा है।