गाजीपुर : सुहवल इंटर कॉलेज में छात्रों से लाखों रूपए की अवैध वसूली करने के मामले में अब तक नहीं हुई कार्यवाही, होली की आड़ में छिपे डीआईओएस





गाजीपुर। क्षेत्र के सुहवल इंटर कॉलेज में छात्रों से अवैध रूप से अधिक फीस वसूलने का मामला गर्मा गया है। इस मामले में शिकायत के बाद पहुंची टीम ने आरोप को सत्य पाते हुए प्रधानाचार्य को इसमें संलिप्त पाया। जिसके बाद कॉलेज में हड़कंप मच गया है। बता दें कि बीते दिनों इंटर कॉलेज के वर्तमान प्रधानाचार्य पर अवैध रूप से छात्रों से अधिक फीस वसूलने का आरेप लगाया था। इस आरोप के साथ ही फीस के रूप में लाखों रूपए की अवैध वसूली व गबन का भी आरोप लगा था। जिसके बाद डीएम ने इन आरोपों की सत्यता परखने के लिए 2 सदस्यीय टीम नामित कर जांच के लिए भेजा था। जिसके बाद टीम में राजकीय सिटी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य व बयेपुर देवकली के राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जांच करने के लिए मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने जांच कर रिपोर्ट जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंप दी थी। जिसमें कक्षा 6 में 550 रूपये, कक्षा 7 में 450 रूपये, कक्षा 8 में 450 रूपये, कक्षा 9 में 790 रूपये, कक्षा 10 में 1200, 1220 व 1255 रूपये तक की फीस की अवैध वसूली का मामला सामने आया था। इसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर डीआईओएस भास्कर मिश्र ने इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को कई सालों में लाखों रूपए अधिक फीस वसूली करने का दोषी पाया और बीते 12 दिसम्बर को स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन कॉलेज के जिला पंचायत से संचालित होने के चलते इसमें कार्यवाही की जिम्मेदारी जिला पंचायत अध्यक्ष के पास पहुंच गई और राजनैतिक हस्तक्षेप होने के चलते पूरा मामला ही ठंडा पड़ गया। काफी समय बीत जाने के बावजूद जब इसमें कुछ नहीं हुआ तो शिकायतकर्ता ने किसी भी कीमत पर अवैध वसूली के शिकार छात्रों को न्याय दिलाने के लिए फिर से प्रयास शुरू किया और इस मामले में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी से मिले। इसके बाद उन्हें पूरे मामले से पुनः अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग की थी। जिस पर जिलाधिकारी ने बीते माह डीआईओएस को निर्देश दिया कि वो प्रभारी प्रधानाचार्य पर आवश्यक कार्यवाही कर की गई कार्यवाही की जानकारी दें। लेकिन इस मामले में एक बार फिर से एक पखवारा से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक कुछ नहीं हुआ। इस बाबत पूछने पर डीआईओएस भास्कर मिश्र ने होली के पर्व का बहाना बनाते हुए कहा कि अभी त्योहार है। ऐसे में त्योहार के चलते सभी व्यस्त हैं। त्योहार के बाद पत्र जारी कर प्रभारी प्रधानाचार्य से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और संतोषजनक स्पष्टीकरण न मिलने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। बहरहाल, देखना ये है कि इस बार अवैध वसूली में कोई कार्यवाही होती है या एक बार फिर से राजनैतिक हस्तक्षेप व दबाव अपना काम कर जाता है।



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