खुल गए सरकारी स्कूल लेकिन अब भी बेपटरी है शिक्षा व्यवस्था, नई किताबें न मिलने से पुरानी किताबें ही बनीं सहारा





भीमापार। परिषदीय विद्यालय भले ही खुल गए हों, लेकिन शिक्षा व्यवस्था अभी तक पटरी पर नहीं आ सकी है। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को नवीन शिक्षा सत्र के आरम्भ होने के लगभग तीन माह बाद भी नये सत्र में किताबें मुहैया नहीं करा पाया है। जिसके चलते ‘सब पढ़ें सब बढ़े’ का नारा कमजोर होता दिख रहा है और सरकार के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का दावा भी कोरा ही साबित हो रहा है। महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि ऐसे में बच्चे पढ़ाई कैसे कर पाएंगे। शिक्षकों को भी समय से कोर्स पूरा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। शिक्षा क्षेत्र सादात में 100 प्राथमिक, 22 उच्च प्राथमिक और 24 कंपोजिट विद्यालय को मिलाकर कुल 146 परिषदीय विद्यालय हैं। प्राथमिक में 8402 छात्र व 8349 छात्राओं को मिलाकर कुल 16 हजार 751 बच्चे हैं। जबकि उच्च प्राथमिक में बच्चों की कुल संख्या 6069 है, जिनमें 2986 छात्र व 3083 छात्राएं हैं। नवीन शिक्षा सत्र के आरम्भ होने के लगभग तीन माह बाद भी बच्चों को बिना किताबों के या कुछ बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाई के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। शिक्षकों ने बच्चों के लिए पुराने बच्चों से किताब लेकर व्यवस्था बनाने की कोशिश तो जरूर की है, लेकिन यह कोशिश नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में छात्र-छात्राएं बिना किताब अपनी पढ़ाई कैसे पूरी करें। बिना किताब के बच्चों की शिक्षा कैसी पूरी होगी यह न सिर्फ अभिभावकों व बच्चों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, बल्कि शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। शासन ने अब तो सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में तिमाही परीक्षाएं कराने के आदेश भी जारी किए हैं। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने लक्ष्य तय कर दिए हैं। कक्षा एक से आठ तक की कक्षाओं में यह परीक्षा होगी। जुलाई, अक्टूबर, जनवरी और मार्च माह में परीक्षा कराने की योजना है। ऐसे में परिषदीय स्कूलों के बच्चे बिना किताबों के कैसे पढ़ाई करें, यह महत्वपूर्ण सवाल है। इस बाबत खंड शिक्षा अधिकारी निलेन्द्र चौधरी ने बताया कि शासन स्तर से अभी किताबें उपलब्ध नहीं हो पायी हैं। पुराने सत्र की किताबों से पढ़ाई कराई जा रही है। नयी किताबें जुलाई महीने के अंत या अगस्त महीने के प्रथम सप्ताह में आने की सम्भावना है। शासन से उपलब्ध होते ही छात्रों को नई किताबें उपलब्ध करा दी जायेगी।



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