डीएम हुजूर! स्कूलों में नहीं पहुंचते सफाईकर्मी, शिक्षा देने की जगह स्कूलों में सफाई देने को विवश हैं ‘गुरूजी’
खानपुर। गर्मियों की छुट्टी के बाद अधिकांश विद्यालय के शिक्षकों को खुद झाड़ू उठाकर सफाई करनी पड़ती है। शिक्षक-शिक्षिकाएं कुछ देर तक सफाई कर्मचारियों का इंतजार करते हैं, लेकिन अधिकांश विद्यालयों में सफाई कर्मचारी झांकने तक नहीं पहुंचते है। परिषदीय विद्यालय वैसे तो ग्राम पंचायत के अधीन ही हैं। प्रधान की देखरेख में विद्यालयों का संचालन होता है। ग्राम पंचायतों से ही कायाकल्प के तहत कार्य कराए गए, लेकिन साफ सफाई को लेकर विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। गांवों में तैनात सफाई कर्मचारी विद्यालयों की सफाई अपनी ड्यूटी में मानते ही नहीं हैं। कुछ गांवों को छोड़ दें तो हर जगह ऐसा ही होता है। ग्रीष्मावकाश के बाद विद्यालय खुले थे तो परिसर सहित कक्षा कक्ष में गंदगी बहुत थी। ऐसे में सफाई कर्मचारियों को जाना चाहिए था पर अधिकांश विद्यालयों की तरफ सफाईकर्मी झांकने तक नहीं पहुंचे। कन्हईपुर के प्रधानाध्यापक अवनीश यादव का कहना है कि परिसर में तो सफाई कर लेते है पर शौचालयों को कौन साफ करेगा। एक दो दिन सफाई करने में कोई बुराई नहीं है पर स्कूल आते ही नियमित सफाई पर लगना मुश्किल हो रहा है।