कोरोना संक्रमित होकर भी अपने कर्म के प्रति समर्पित रहे पंकज आनंद, पूरा परिवार हुआ था संक्रमित





गोरखपुर। होम आइसोलेशन में कोविड को मात देने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद बीमारी के दौरान भी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहे। उन्होंने 12 जनवरी को परिवार समेत कोविड की जांच कराई थी जिसमें सभी लोग कोविड पॉजीटिव पाए गये थे। पूरा परिवार होम आइसोलेट हो गया और इस मुश्किल दौर में भी वर्चुअल मीटिंग, रिपोर्टिंग और ऑनलाइन मॉनीटरिंग के जरिये वह विभाग को सेवा देते रहे। मूलतः वाराणसी जिले के रहने वाले पंकज आनंद ने वर्ष 2013 में गोरखपुर में जिला कार्यक्रम प्रबंधक का पदभार संभाला। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित सभी 15 से अधिक संकेतकों में बेहतर प्रदर्शन करवाने का दारोमदार उन पर रहता है। वह चाहे कोविड टीकाकरण हो या मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, सभी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मॉनीटरिंग और रिपोर्टिंग की सेवाओं को देना होता है। ऐसे में परिवार समेत कोविड पॉजीटिव होने से पंकज के सामने दो-दो मोर्चे पर चुनौती आ खड़ी हुई। श्री आनंद बताते हैं कि बीमारी के दौरान खांसी ज्यादा आ रही थी, लेकिन कोविड टीके की दोनों डोज लेने के कारण आत्मविश्वास बढ़ा हुआ था। पत्नी और दो बच्चियों समेत सभी ने दवाइयां लीं। बच्चियों की ज्यादा चिंता थी लेकिन कोई गंभीर लक्षण न होने के कारण ज्यादा घबराहट नहीं हुई। कोविड के दौरान तनाव को कम करने का एक तरीका यह भी है कि अपने काम में मशगूल रहा जाए और उन्होंने यही किया। कभी भी कोविड को हावी नहीं होने दिया और एकांतवास से ही कार्य करते रहे। जब 22 जनवरी को पुनः जांच कराई तो कोविड पॉजीटिव ही रहे लेकिन परिवार के बाकी सदस्य नेगेटिव हो गये। पंकज ने अपनी दिनचर्या जारी रखी। जिला कार्यक्रम प्रबंधक के कोविड के दौरान सक्रिय रहने से जिले की हेल्थ डैशबोर्ड रैंकिंग भी बरकरार रही। वह बताते हैं कि बीमारी के दौरान भी वह अपनी टीम के संपर्क में बने रहे। जिलाधिकारी विजय किरण आनंद और सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे द्वारा समय-समय पर टेलीफोनिक मार्गदर्शन मिला और मनोबल बढ़ाया गया। दिसम्बर में जिले को तीसरी रैंक हासिल हुई थी और यह जनवरी में भी बरकरार रही। इससे पहले भी पंकज आनंद की देखरेख में जिले को दो बार पहली रैंक मिल चुकी है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक का कहना है कि 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों को टीके की दोनों डोज अवश्य लेनी चाहिए। इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक के वह लोग जिनके प्रीकॉशन डोज का समय आ गया है, वह प्रीकॉशन डोज अवश्य लें। टीके की दोनों डोज के बाद भी दो गज की दूरी, हाथों की स्वच्छता और मास्क समेत सभी कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है।



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