आसमान में ड्रोन मंडराता देखकर ग्रामीणों ने किया पुलिस को फोन, पहुंची थी ये टीम
खानपुर। तकनीकी की मदद अब सरकार के वो विभाग भी लेकर अपने काम में तेजी व सटीकता ला रहे हैं, जो अब तक तकनीकी कार्यों से अछूते थे। इसी क्रम में भारत सरकार स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व विभाग की टीम ड्रोन कैमरों की मदद से क्षेत्र का सर्वे करने में जुट गई हैं। शुक्रवार को खानपुर के भुजहुआं, मठकौड़िया और बभनचक गांव में राजस्व कर्मचारियों की टीम पहुंची और एरिया की जमीन का ड्रोन से सर्वे किया। ड्रोन संचालक आर्यन ने गांव के बाहर मैदान में हेलीपैड का आकार बनाकर ड्रोन कैमरा आसमान में उड़ाया, जिसके बाद गांव की हर एक गली व घरों की तस्वीरें मिलने लगीं। वहीं जब गांव में हेलीकॉप्टर की तरह ड्रोन कैमरा उड़ाया गया तो लोगों में ये कौतूहल का विषय बन गया। किसी अराजक स्थिति को जानकर ग्रामीणों ने पुलिस को भी फोन कर दिया। हालांकि बाद में जानकारों ने पूरी सच्चाई बताई, तब जाकर बाकियों की सांस में सांस आई। महिलाएं, पुरुष व बच्चे अपने घरों से निकलकर ड्रोन कैमरे को देख रहे थे। हालांकि अब ये कैमरे किसी के लिए बेहद नए नहीं हैं, क्योंकि आजकल शादियों या मांगलिक कार्यों में इनका क्रेज बढ़ गया है। इधर खानपुर के राजस्व निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि इस कैमरे में भवन स्वामी का स्वामित्व, घरौनी, सार्वजनिक स्थल, गांव की गलियां फीड हो रही हैं। इसके बाद गूगल पर सर्च करने पर हर गांव की तस्वीर साफ दिखाई देगी। जिस तरह खतौनी में किसानों का नाम दर्ज रहता है, उसी प्रकार से घरौनी में भी भू-स्वामी का नाम दर्ज हो जाएगा। इस सर्वे से गांवों में विकास के लिए पक्के रास्ते, नाली व दूषित पानी से मुक्ति व गांव की जनसंख्या के हिसाब से गांव को माडल की तर्ज पर विकास किया जाएगा। ग्रामीणों को अपने मकानों के स्वामित्व भी दर्ज कर आबादी के हिसाब से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। सर्वे टीम के लेखपाल प्रमोद सिंह और अमित कुमार ने बताया कि गांव के बाहर खुले स्थान से ड्रोन कैमरे को उड़ाया जाता है, जो 120 मीटर ऊंचाई तक उड़कर पहले से मार्क की गई आबादी की भूमि के पूरे डिटेल को कैमरे में कैद कर लेता है। ये 45 मिनट तक उड़कर अपना काम करता है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के आबादी की भूमि गृह स्वामियों के लिए संपत्ति कार्ड के रूप में अधिकारों का रिकार्ड प्रदान करता है। इससे ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए ग्रामीण आवासीय संपत्तियों की मुद्रीकरण की सुविधा मिलती है।