शहीद परिवार राष्ट्र की संपत्ति, इनका सम्मान हम सभी का पुनीत कर्तव्य - महामंडलेश्वर
जखनियां। ‘सभी धर्मों से बड़ा राष्ट्र धर्म होता है इसके पालन से ही राष्ट्र समाज का कल्याण संभव है। देश की रक्षा के लिए सीमाओं पर अपनी जान की बलिदानी देने वाले शहीदों का स्थान इस देश में सर्वोच्च है। शहीद परिवार राष्ट्र की संपत्ति होती हैं इनको सम्मान देना सब का पुनीत कर्तव्य है।’ उक्त बातें महावीर चक्र विजेता शहीद रामउग्रह पांडेय के 50वीं शहादत दिवस को संबोधित करते हुए जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर और सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर स्वामी भवानीनंदन यति महाराज ने कहीं। मंगलवार को शहीद रामउग्रह पांडेय के पैतृक गांव ऐमावंशी स्थित शहीद पार्क में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए श्री यति महाराज ने कहा कि भारत माता का बोझ इन्हीं जवानों के कंधों पर है। आज मंदिर से ज्यादा शहीदों का मंदिर बनाना जरूरी है। उन्होंने शहीद पार्क को संवारने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यहां से देश की जवानों को अतिरिक्त ऊर्जा का संचार होता है। मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त किरण बाला चौधरी ने कहा कि शहीदों की धरती पर नमन करने का अवसर मेरे जीवन का सौभाग्य है। इस देश में हम तभी सुरक्षित हैं जब सीमा पर जवान हमारी रक्षा के लिए तत्पर हैं। ऐसे में उनके परिवार के सुख दुख की चिंता हम सभी का पुनीत कर्तव्य बनता है। उन्होंने शहीद राम उग्रह पांडेय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस शहीद का परिवार मेरे लिए अब रिश्ता सा बन गया है। इनके सुख-दुख के बाबत सदैव तत्पर रहूंगी। सहकारिता राज्य मंत्री संगीता बलवंत ने कहा कि देश और तिरंगे की आन, बान व शान के लिए अपने प्राण गंवाने वाले शहीदों की वजह से ही देश विकासशील से अब विकसित होने की ओर अग्रसर हो रहा है। क्योंकि सीमा पर कोई दुश्मन आंख दिखाता है तो भारत के जवान दुश्मन की सीमा के अंदर घुसकर आतंकियों को मार जाते हैं। बतौर विशिष्ट अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य उपमंत्री प्रभुनाथ चौहान ने कहा कि गाजीपुर की बलिदानी धरती का सदस्य राष्ट्र के लिए मर मिटने का इतिहास रहा है, ऐसे में इन बलरानियों का सम्मान करना हमारे जीवन का सौभाग्य है। उन्होंने उपस्थित लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि सेना के जवानों के परिजनों का सम्मान करने से हम उन जवानों को ऊर्जावान कर सकते हैं। शहीदों का स्मारक किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक डॉ सुरेश ने कहा कि गाजीपुर की शहीदी धरती जहां परमवीर चक्र के साथ ही महावीर चक्र जैसे वीरों का भी जन्म हुआ। यह माटी हमारे लिए चंदन के समान है। उन्होंने सनातन संस्कृति मे वर्णित राष्ट्र रक्षा के निमित्त संकल्प सूत्रों को दोहराते हुए लोगों का आह्वान किया कि जो जहां है वहीं से अपनी राष्ट्र रक्षा में भूमिका निभाना तय करें तभी इस राष्ट्र का कल्याण संभव है। आगंतुकों का आभार अखिल भारतीय सहित समाज सेवा समिति अध्यक्ष श्रीराम जायसवाल ने किया। कार्यक्रम में अमृत महोत्सव के काशी प्रांत सह संयोजक डॉ संतोष यादव, आरएसएस प्रचारक कमलेश प्रणामी, बृजेंद्र राय, डॉ रत्नाकर त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी वीर बहादुर यादव, तहसीलदार जयप्रकाश, शहीद पुत्री सुनीता पांडेय, आरपी दुबे, कोतवाल शिव प्रताप वर्मा, पूर्व फौजी सतीश सिंह मंटू, डॉ भुल्लन सिंह, अभाविप के विभाग संयोजक रत्नेश, अंकित जायसवाल आदि रहे। संचालन श्रीराम जायसवाल ने किया। वहीं शहीद को सशस्त्र सेना के जवानों द्वारा गार्ड आफ आनर दिया गया। इस दौरान मातमी धुन बजते ही लोगों की आंखें नम हो उठीं। 8 गार्ड रेजीमेंट से कैप्टन अमित गोस्वामी बीकानेर व 39 जीटीसी वाराणसी छावनी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ध्यानी द्वारा पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। पुष्प चक्र अर्पित करने वालों में सूबेदार मेजर ईश्वर पाल मौर्या, सूबेदार बृजराज चौहान, हवलदार मनोज मिश्रा, लांसनायक गौरी शंकर, नायक सुमित कुमार, हवलदार दिलीप कुमार गुप्ता, नायक विनोद यादव आदि रहे।