देवकली : कुशवाहा महासभा ने धूमधाम से मनाई महात्मा फुले की जयंती, योगदानों को किया याद



देवकली। कुशवाहा महासभा के तत्वावधान में सैदपुर तहसील कार्यालय पर महात्मा ज्योतिराव फूले जयन्ती का आयोजन किया गया। उनके चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेश कुशवाहा ने कहा कि समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फूले का जन्म उस समय हुआ था जब देश व समाज में ऊंच-नीच, जाति-पाति, अंधविश्वास, सामाजिक कुरीतियां, रूढ़िवादिता चरम सीमा पर थे। कहा कि उस समय न तो शिक्षा प्राप्त करने की आजादी थी और न ही अपनी मर्जी का पेशा चुनने की। वर्ष 1840 में उनका विवाह मात्र 9 वर्ष की सावित्रीबाई फुले से हुआ। वे पढ़ना चाहती थीं, परंतु उन दिनों लड़कियों को पढ़ाने का चलन नहीं था। शिक्षा के प्रति पत्नी की ललक देख विरोध के बावजूद उन्हें पढ़ाया। कहा कि तीन वर्ष में 18 स्कूलो की स्थापना की। देवनाथ कुशवाहा ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने उन्हें अपना गुरु मानते हुए कहा था कि यदि इस धरती पर महात्मा फुले जन्म नहीं लेते तो अम्बेडकर का भी निर्माण नही होता। इस मौके पर नरेन्द्र कुमार मौर्य, राजेश कुशवाहा, रामनरेश कुशवाहा, अवधेश, प्रमोद, बबलू, सुरेन्द्र, रामलाल, हंसराज, डॉ संजय कुशवाहा, राजपति, रामकिशुन, भुवनेश्वर, चन्द्रशेखर कुशवाहा, डॉ शिवकुमार, डॉ संतोष, कृपाशंकर कुशवाहा आदि रहे। संचालन अशोक कुशवाहा ने किया।