सादात : कुख्यात गैंगस्टर सहित 2 बदमाशों का पुलिस ने प्यारेपुर में किया हाफ एनकाउंटर, गोकशी को जा रहे थे बंगाल


सादात। बहरियाबाद व सादात पुलिस को बुधवार को तड़के 5 बजे बड़ी कामयाबी मिली। जब पुलिस ने गैंगस्टर सहित 2 शातिर बदमाशों का हाफ एनकाउंटर करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से गोवंशों से भरी एक गाड़ी भी बरामद हुई। पकड़े गए बदमाशों में से एक बदमाश तो अभी कुछ दिनों पूर्व ही जेल से छूटकर आया है। हाफ एनकाउंटर के बाद पुलिस ने दोनों को सैदपुर सीएचसी में भर्ती कराया। जहां से इलाज कराकर पुलिस दोनों को अपने साथ ले गयी। उन्होंने अपना नाम सोनू यादव पुत्र रामअवध यादव निवासी पचरासी, नंदगंज व सभाजीत यादव उर्फ शालू यादव पुत्र स्व. रामफेर यादव निवासी लक्षिरामपुर, मिर्जापुर, बहरियाबाद बताया। इनमें से सोनू गैंगस्टर है और इस पर जिले के कई थानों में कुल 8 गम्भीर मुकदमे दर्ज हैं। वहीं दूसरे अंतर्जनपदीय बदमाश पर आजमगढ़ सहित ग़ाज़ीपुर में कई मुकदमें दर्ज हैं। बहरियाबाद पुलिस को सूचना मिली कि गोवंशों से ठूंसकर भरी एक पिकअप थानाक्षेत्र के मिर्जापुर-सादात मार्ग से गुजरने वाली है। जिसके बाद बहरियाबाद व सादात पुलिस ने हर तरफ नाकेबंदी कर दी। तभी बुधवार की एकदम सुबह 5 बजे वो पिकअप आती दिखी। जिसे देखकर संयुक्त टीम ने उसे रोकने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस को सामने देखकर बदमाशों ने पुलिस पर ही गाड़ी चढ़ाकर भागने का प्रयास किया। जिसके बाद पुलिस ने गाड़ी का पीछा किया। इस बीच तेज भागने के चक्कर में पिकअप अनियंत्रित होकर प्यारेपुर में एक बिजली के पोल से टकराकर रुक गयी। रुकने के बाद उसमें मौजूद तस्करों ने गाड़ी की आड़ से पुलिस पर फायरिंग झोंक दी, वहीं मौका देखकर 2 तस्कर मौके से फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की तो दो बदमाशों के पैरों में गोलियां लगीं और दोनों वहीं गिर गए। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को दबोच लिया और इलाज के लिए सीएचसी लाये। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम सोनू यादव पुत्र रामअवध यादव निवासी पचरासी, नंदगंज व सभाजीत यादव उर्फ शालू यादव पुत्र स्व. रामफेर यादव निवासी लक्षिरामपुर, मिर्जापुर, बहरियाबाद बताया। क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि पकड़े गए बदमाश सोनू पर पहले से ही गैंगस्टर सहित 8 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं दूसरे पर भी कई मुकदमें हैं। बताया जा रहा है कि सोनू कुछ ही दिनों पूर्व जेल से बाहर आया था और बाहर आते ही अपराध में लिप्त हो गया। तस्करों ने बताया कि वो इन गोवंशों को लेकर बिहार के रास्ते पश्चिम बंगाल चले जाते। जहां काफी अधिक कीमतों में इन गोवंशों को बेचा जाता।
