नंदगंज : युवक के लिए जानलेवा बन सकता था भारत अल्ट्रासाउंड सेंटर का अवैध रिपोर्ट, डिप्टी सीएम व जिलाधिकारी से शिकायत कर की कार्रवाई की मांग





गाजीपुर। जिले के नंदगंज स्थित एक सेंटर की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में गंभीर लापरवाही देखने को मिली है। पथरी से पीड़ित युवक द्वारा जांच कराने पर रिपोर्ट में पथरी ही नहीं दिखाया गया है। जिसके बाद हड़कंप मच गया है। पीड़ित ने इस मामले में प्रदेश के डिप्टी सीएम व जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है। क्षेत्र निवासी वीके सिंह ने पेट में दर्द होने पर जांच के लिए बाजार में अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचा था। वहां पर युवक ने जांच कराई तो रिपोर्ट देखकर उसके होश उड़ गए। रिपोर्ट में चार एमएम की पथरी दिखाई गई थी लेकिन दूसरे अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में पथरी का पता ही नहीं था। बाजार स्थित एक केंद्र पर पहली जांच में उसकी बाईं किडनी में 4 एमएम की पथरी बताई गई। लेकिन वो युवक पुष्टि के लिए दूसरे दिन बाजार के दूसरे केंद्र पर पहुंचा और जांच कराई तो उसमें पथरी नहीं निकली। जिसके बाद उसने इस मामले में डीएम समेत बतौर स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से शिकायत की। बताया कि 10 अप्रैल को उसकी पेट में दर्द हो रहा था तो वो बाजार के चोचकपुर मोड़ स्थित हेल्थ केयर डायग्नोस्टिक सेंटर में सुबह जांच कराने पहुंचा। वहां से मिले रिपोर्ट में बताया गया कि उसकी बाईं किडनी में 4 एमएम की पथरी है। जांच रिपोर्ट के साथ ही फिल्म में भी पथरी दिखाई भी दे रही थी। इसके बाद उसने दोपहर में बाजार स्थित भारत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जांच कराई तो वहां से मिले रिपोर्ट में बताया कि उसे पथरी नहीं है। हैरानी की बात ये रही कि भारत अल्ट्रासाउंड सेंटर से मिली रिपोर्ट से जांच करने वाले डॉक्टर का मुहर व नाम भी गायब था। ऐसे में ये बात स्पष्ट थी कि जांचकर्ता झोलाछाप ही था। बता दें कि उक्त केंद्र को पूर्व में डीएम के निर्देश पर सील भी किया जा चुका है। पीड़ित ने आरोप लगाया है भारत अल्ट्रासाउंड सेंटर को स्वास्थ्य विभाग संरक्षण देकर चलवा रहा है। आखिर बिना किसी विभागीय शह के इतनी खामियों के साथ सेंटर को कैसे चलाया जा रहा है। पीड़ित ने डिप्टी सीएम को दोनों सेंटरों की रिपोर्ट की कॉपी भेजकर शिकायत की है और दोषी पर कार्रवाई की मांग की है। कहा कि इस तरह की घटिया जांच से ऐसे सेंटर लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं। कहा कि अगर मेरे द्वारा सिर्फ भारत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर ही जांच कराई जाती तो मैं तो इसी गलतफहमी में रहता कि मुझे पथरी नहीं है और उस रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक भी पेट दर्द के लिए किसी और ही चीज की दवा देते। ऐसे में सही रिपोर्ट न मिलने से भविष्य में मेरी जान को भी खतरा हो सकता था।



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