जखनियां : पूरे ब्रज को डुबाने का आदेश देने वाले देवराज इंद्र के अहंकार को श्रीकृष्ण ने तोड़ा, श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का हुआ आयोजन





गाजीपुर। जखनियां के कंजी में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठें दिन श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र का अहंकार तोड़ने की कथा का प्रवचन किया गया। इस दौरान कथा व्यास आचार्य बृजेश पाण्डेय ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र के अहंकार को तोड़ा। क्योंकि इंद्र ने अपनी ताकत के अहंकार में बृजवासियों से क्रोधित होकर बादलों को आदेश दिया था कि पूरे बृज को तेज बारिश से बहा डालो। आखिर मेरी पूजा न करने की बृजवासियों की हिम्मत कैसे हुई। इधर तेज बारिश के बीच श्रीकृष्ण ने पूरे पर्वत को अपनी कनिष्ठ उंगली पर उठाकर पूरे ब्रज की रक्षा की। श्रीकृष्ण ने अपनी लीला के दौरान बृजवासियों को बैकुंठ का भी दर्शन कराया लेकिन उन्हें बैकुंठ रास नहीं आया, बल्कि वो श्रीकृष्ण के साथ वृन्दावन में ही रहना चाहते हैं। कहा कि जहां हमारे कृष्ण वही मेरा बैकुंठ है। कथावाचक ने कहा कि श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला किये, कंस का वध कर दुष्टों से धरती व लोगों की रक्षा की। कहा कि जरासंध के युद्ध करने पर उसे 17 बार पराजित किए। कहा कि समुद्र के बीच द्वारिका नगरी बसाकर द्वारिकाधीश के नाम से जाने गए। इस मौके पर आचार्य अरूण पाण्डेय, आयोजक विनोद सिंह, हरिकेश सिंह आदि रहे।



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