गाजीपुर : विश्व महिला दिवस पर सामने आया एक महिला का ऐसा चेहरा, डीपीआरओ बनाम सफाईकर्मी मामले में आया नया मोड़





गाजीपुर। जिले में चल रहे सफाईकर्मी बनाम डीपीआरओ मामले में नया मोड़ सामने आया है। एक तरफ विश्व महिला दिवस के मौके पर पूरी दुनिया में महिलाओं को उनके बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया जा रहा है तो दूसरी तरफ महिला का कार्यालय में मनमानी करते हुए सीसीटीवी वीडियो सामने आया है। जिसके बाद डीपीआरओ पर लगे मामले ने दूसरा मोड़ ले लिया है। इस मामले में जिला पंचायती राज अधिकारी अंशुल मौर्य ने आरोप लगाने वाली सफाईकर्मी पर मनमानी व मशीन तोड़ने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कई जानकारियां दी हैं। डीपीआरओ ने बताया कि करंडा क्षेत्र में तैनात महिला सफाईकर्मी के खिलाफ ग्राम प्रधान व सचिव ने 25 फरवरी को ही लिखित रूप से शिकायत की है कि महिला द्वारा बीते 1 फरवरी से ही न तो उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर किया जा रहा है और न ही बॉयोमैट्रिक मशीन पर उपस्थिति दर्ज की जा रही है। वहां तक कि 28 फरवरी को ही प्रधान ने प्रमाण के रूप में सीसीटीवी का फुटेज देते हुए थाने में महिला सफाईकर्मी के खिलाफ तहरीर दिया था कि महिला ने कार्यालय में लगे बॉयोमैट्रिक मशीन को तोड़ने का प्रयास किया और उपस्थिति पंजिका को अपने साथ लेकर चली गई। इधर प्रधान व सचिव की शिकायत के बाद सहायक विकास अधिकारी (पं.) ने पत्र पर आगे की कार्यवाही के लिए 28 फरवरी को पत्र को फॉरवर्ड कर दिया। इसके बाद कार्यालय से सफाईकर्मी को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर 3 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया था। लेकिन उसने 5 मार्च को अपना स्पष्टीकरण दिया। डीपीआरओ ने बताया कि स्पष्टीकरण पढ़ने के बाद उस पर विस्तृत विचार किया गया लेकिन पत्र से उसके द्वारा गांव में नियमित रूप से कार्य करने की पुष्टि नहीं होती। जिसके बाद उसका फरवरी माह का वेतन रोक दिया गया और विभागीय कार्यवाही के लिए संस्तुति की गई। इसके बाद जांच अधिकारी ने 7 मार्च को आरोप पत्र जारी किया। वहीं इस मामले में महिला सफाईकर्मी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उक्त महिला सफाईकर्मी कार्यालय में लगे बॉयोमैट्रिक मशीन को तोड़ने का प्रयास कर रही है और उपस्थिति पंजिका को अपने साथ लेकर चली गई। इसके साथ ही प्रधान पुत्र को छेड़खानी के आरोप में फंसाने की धमकी भी दे रही है। इस बाबत डीपीआरओ ने बताया कि महिला ने विभागीय कार्यवाही व मुकदमा दर्ज होने के डर से 5 मार्च को सोशल मीडिया पर फर्जी आरोप लगाया, ताकि दबाव बनाया जा सके। उन्होंने आरोप को बेबुनियाद बताया है। बता दें कि बीते दिनों सफाईकर्मी ने जिले के डीपीआरओ पर काफी बड़े व गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन आरोप लगाने के पूर्व ही करंडा थाने में एफआईआर दर्ज होने व मशीन तोड़ने का प्रयास करने का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद कहानी ने दूसरा मोड़ ले लिया है। ऐसे में देखना ये है कि पुलिस की जांच में क्या निकलकर सामने आता है।



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