जखनियां : अब सिर्फ सरकार व प्रशासन को ही नहीं बल्कि जखनियां के निवासियों को भी मुंह चिढ़ाने लगी हैं यहां की जर्जर सड़कें
जखनियां। ऐसा लगता है कि जखनियां तहसील क्षेत्र में सड़कों की दुर्दशा की तरफ कभी कोई भी जनप्रतिनिधि या सरकारी विभाग ध्यान नहीं देगा। न जाने इसके पीछे क्या वजह है कि जिला प्रशासन से लेकर किसी जनप्रतिनिधि द्वारा भी यहां की सड़कों के तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते लंबे अरसे से यहां जर्जर हो चुकी सड़कें अब सरकार को ही नहीं बल्कि यहां के निवासियों को भी मुंह चिढ़ाकर सौतेले व्यवहार का तंज कसने लगी हैं। स्थिति ये है कि तहसील मुख्यालय से कोतवाली गेट, ब्लॉक मुख्यालय, पशु चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय आदि के सामने की सड़क टूटकर गड्ढे में बदल चुकी है। जिसमें बारिश का पानी जमा हो जाने से वाहनों के साथ ही पैदल राहगीरों का रेलवे स्टेशन, यूनियन बैंक सहित बाजार में आना जाना मुश्किल हो गया है। तहसील से बाजार तक पैदल आने में लोग कतराने लगे हैं। वाहनों के आते-जाते समय गड्ढों में भरा गंदा पानी लोगों पर पड़ता है, जिससे उनके कपड़े खराब होते हैं। गड्ढों से अंजान यहां से गुजरने वाले बाहरी दोपहिया वाहन सवार भी इनमें गिरकर चोटिल होते हैं। सबसे बड़ी मुसीबत रात में ट्रेन से उतरकर जाने वाले पैदल राहगीरों को हो रही है। उनमें बूढ़े, महिलाएं, बच्चे आदि भी हैं। स्थानीय समाजसेवियों द्वारा सड़क निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से लगायत जिलाधिकारी को पत्रक दिया गया लेकिन आज तक सिवाय पत्थर डालकर खानापूर्ति करने के अलावा कुछ नहीं किया गया। अब तो डाली गई गिट्टी भी बरसात में दबकर जस की तस हो गई है। अधिकारी भी इसी राह से हिचकोले खाते हुए चुप्पी साधकर गुजर जाते हैं। स्थिति ये है कि चाहे यहां के विधायक हों, लोकसभा के सांसद हों, एमएलसी हों, जिला पंचायत अध्यक्ष हों या खुद अधिकारी हों, एक बेहतर सड़क के निर्माण के लिए किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगता दिखाई दे रहा है। सड़क के जर्जर होने से बाजार में व्यवसाय पर भी असर पड़ रहा है।