योगी की पुलिस ने एप्पल के मैनेजर को सरेराह मारी गोली, सीबीआई जांच करा सकती है सरकार



लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ निवासी व मोबइल फोन की अग्रणी कंपनी एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह एनकाउंटर नहीं था। इस घटना की जांच की जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच के आदेश भी दिए जाएंगे। वहीं विवेक तिवारी की कल्पना ने सीएम योगी आदित्यनाथ को सीबीआई जांच की मांग के लिए पत्र लिखा है साथ ही उन्होंने मुआवजे के तौर पर एक करोड़ रुपये और पुलिस विभाग में एक नौकरी की भी मांग की है।



कल्पना का कहना है कि गोली मारकर हत्या करने के बाद लखनऊ पुलिस उनके पति को चरित्रहीन साबित करने में लगी है। कल्पना ने सवाल उठाया कि गाड़ी न रोकने पर गोली चलाने का अधिकार पुलिस को किसने दिया। वहीं बताया जा रहा है कि पुलिस ने विवेक को गोली इसलिए मारी क्योंकि चेकिंग के दौरान उसने अपनी कार रोकने से पर इनकार कर दिया था। घटना रात के 1.30 बजे लखनऊ के गोमती नगर एक्सटेंशन इलाके की है। पुलिस का कहना है कि विवेक तिवारी अपनी एक महिला साथी के साथ एसयूवी कार चला रहा था। गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने उसे इशारा कर गाड़ी रोकने को कहा। पुलिस ने कहा कि तिवारी ने वहां से कथित तौर पर भागने का प्रयास किया, इसी क्रम में पहले उसने पहले पुलिस की पेट्रोलिंग वाली बाइक में और फिर बाद में दिवार को भी टक्कर मारी। ख़बर ये भी है कि पुलिस ने विवेक की महिला मित्र को उसके घर में ही नज़रबंद कर दिया है। पुलिस की गोली लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. मृतक विवेक एप्पल कंपनी का एरिया मैनेजर था। हालांकि, अब आरोपी दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या मामाला दर्ज किया गया है और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है और एसपी क्राइम की निगरानी में एसआईटी गठित कर दी गई है। यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने विवेक तिवारी हत्या मामले में कहा कि यह दुखद घटना है। यह हत्या का मामला है और दोनों ही सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है। वहीं, लखनऊ के कलानिधि नैथानी ने कहा कि लखनऊ में पुलिस की गोली से एप्पल के एरिया मैनेजर की हत्या मामले में एसपी अपराध के अंतर्गत एसआईटी गठित की जा चुकी है। मैंने व्यक्तिगत तौर पर जिला मजिस्ट्रेट से मजिस्ट्रेट इंक्वायरी की मांग की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह एनकाउंटर नहीं था। इस घटना की जांच की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच के आदेश भी दिए जाएंगे। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लखनऊ के पुलिस कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गोली चलाने की नौबत क्यों आई। लखनऊ पुलिस का कहना है कि कॉन्स्टेबल ने आत्म-रक्षा के लिए गोली चलाई थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी कॉन्स्टेबल को लगा कि कार के भीतर शायद अपराधी हो सकते हैं। पोस्टमार्टम में यह बात सामने आई है कि एप्पल कम्पनी के अफसर विवेक तिवारी के सर से गोली मिली और इससे स्पष्ट हो गया है कि विवेक की गोली लगने से ही मौत हुई है। एक आरोपी कॉन्स्टेबल प्रशांत का कहना है कि सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई। उसने दो तीन बार गाड़ी रिवर्स करके चढ़ाने की कोशिश की। उसने कहा कि ’हम पेट्रोल ड्यूटी पर थे। रात के करीब डेढ़ बजे हमने एक संदिग्ध कार को देखा, जिसकी लाइट बंद थी. हम कार के नजदीक गये। जैसे ही हम पास गये, कार में बैठे शख्स ने गाड़ी स्टार्ट कर दी। हमने कार के सामने अपनी गाड़ी खड़ी की थी। प्रशांत ने बताया, ’उसने कार से हमारी बाइक को टक्कर मारी। हमने उसे रुकने को कहा तो उसने कार को रिवर्स में किया और फिर से बाइक को टक्कर मारी। हम उसे बाहर निकलने के लिए कह रहे थे। मगर उसने तीसरी बार भी गाड़ी रिवर्स की और पूरी ताकत के साथ बाइक को टक्कर मारी। मैं जमीन पर गिर गया उसके बाद में उठा और पिस्तौल निकाल कर उसे डराया। लेकिन वो मुझे कुचलना चाहता था, इसलिए मुझे आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी। मृतक विवेक तिवारी के रिश्तेदार विष्णु शुक्ला ने कहा कि क्या वह आतंकवादी थे जो पुलिस ने गोली मार दी? हम योगी आदित्यनाथ को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनते हैं, हम चाहते हैं कि वह इस घटना का संज्ञान लें और निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करें। मृतक विवेक की पत्नी का कहना है कि ’’एप्पल कंपनी की ओर से एक पार्टी थी। मेरे पति ने कहा था कि वह पहले अपनी एक साथी को उसके घर पहुंचाकर घर लौटेंगे। करीब 1.30 बजे हमारी बात हुई थी और 2 बजे के बाद मैंने उन्हें कई बार फोन किया, मगर एक बार भी फोन पिक नहीं हुआ। फिर करीब 3 बजे किसी ने मुझे फोन किया और कहा कि वह लोहिया अस्पताल से बोल रहे हैं और मेरे पति की एक दुर्घटना में मौत हो गई। कल्पना बताया, ’मैं लोहिया अस्पताल पहुंची, पहले तो डॉक्टर मुझे कुछ भी बताने से इनकार कर रहे थे। फिर उन्होंने कहा कि हम आपके पति को नहीं बचा पाए। मैंने पुलिस वालों से घटनास्थल पर ले जाने को कहा। वह मेरे पति के बार में भला-बुरा कहने लगे। जब मैं घटनास्थल पर गई तो मुझे पता चला कि मेरे पति को सामने से गोली मारी गई है। कल्पना का कहना है, ’पुलिस कह रही थी कि मेरे पति आपत्तिजनक अवस्था में पाये गये थे। तो मैं कहती हूं कि आपने उन्हें पकड़ा क्यों नहीं। क्या कार को नहीं रोकना क्या कोई अपराध है? मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहती हूं कि यह किस तरह की कानून-व्यवस्था है। बहरहाल पुलिस के इस कदम के बाद अब प्रदेश की पुलिस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।



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