गाजीपुर : साइबर ठगों के जाल में फंस 2.3 लाख गंवाने वाले से साइबर थाना प्रभारी ने मांगे रूपए, एसपी ने किया लाइन हाजिर, दीवान को किया सस्पेंड


गाजीपुर। जब कानून का रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम लोगों का भरोसा कानून पर डिगने लगता है। एक तरफ भारत सरकार ने लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए देश के हर मोबाइल फोन पर कॉलर ट्यून लगाया है तो दूसरी तरफ साइबर ठगी के शिकार को न्याय दिलाने की बजाय साइबर थाने के प्रभारी व हेड कांस्टेबल ने उससे ही रूपए मांगने लगे। मामले का पता चलने पर एसपी ने बड़ी कार्रवाई कर दी है। उन्होंने साइबर थाने के प्रभारी को जहां लाइन हाजिर कर दिया है, वहीं एक हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। बीते साल 26 से 29 दिसंबर 2024 तक के बीच एक व्यक्ति के खाते से साइबर ठगों ने 2 लाख 30 हजार रूपए गायब कर दिए थे। जिसके बाद पीड़ित ने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन कर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि वहां पीड़ित से रूपया मांगा गया। न देने पर न तो मुकदमा दर्ज किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई। जब मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो पीड़ित ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत करते हुए आईजी रेंज से गुहार लगाई। जांच कराई गई तो ये शिकायत सही पाई गई कि साइबर थानाध्यक्ष अशोक मिश्र व हेड कांस्टेबल अमित सिंह ने न सिर्फ लापरवाही बरती, बल्कि फरियादी से रूपए मांगे। जांच रिपोर्ट आने के बाद एसपी डॉ. ईरज राजा ने तत्काल प्रभाव से थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया और हेड कांस्टेबल को तत्काल निलंबित कर दिया। जिसके बाद हड़कंप मच गया है।