गोरखपुर : डिजिटल हेल्थ मास्टर क्लास को सांसद रवि किशन ने किया संबोधित, स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने पर बनी रणनीति





गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार जनस्वास्थ्य के प्रति बेहद संवेदनशील और सतर्क है। लोगों को सही से और सम्पूर्ण इलाज मिल सके, इसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मदद से करोड़ों रुपये लोगों को अकेले गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में मिले हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को निजी क्षेत्र का भी भरपूर सहयोग मिलने से डबल इंजन सरकार के स्वस्थ भारत के सपने को साकार करना और भी आसान हो जाएगा। यह बातें गोरखपुर जिले के सदर सांसद रवि किशन शुक्ल ने रविवार को एक निजी होटल में आयोजित डिजिटल हेल्थ मास्टर क्लास को संबोधित करते हुए कहीं। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया-एएचपीआई के यूपी चैप्टर और रीजेन्सी हेल्थ ग्रुप के सहयोग से हुए इस आयोजन में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को गति देने के लिए हॉस्पिटल लीडर्स से चर्चा की गई। डिजिटल हेल्थ मास्टर क्लास को कोइटा फाउंडेशन और एएचपीआई ने मिल कर तैयार किया है। सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने पहली बार इस मुद्दे पर एक साथ बैठे और डिजिटल मिशन को सफल बनाने के लिए भावी रणनीति को लेकर संवाद किया। सांसद ने कहा कि यह बेहद सकारात्मक सोच है कि भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाने का जो स्वप्न देखा गया उसे पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र खुद आगे आ रहा है। इसके लिए आयोजक संगठन और सभी चिकित्सक बधाई के पात्र है। सांसद ने आश्वस्त किया कि इस मुहिम में वह हरसंभव सहयोग प्रदान करेंगे। साथ ही अपील किया कि ज्यादा से ज्यादा अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध होकर आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएं और डबल इंजन सरकार के लोकहित के अभियान को मजबूती दें। एबीडीएम, इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (ईएमआर) और एचएमआईएस के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। एबीडीएम के बारे में बताया गया कि एक बार जब यह मिशन अपनी पूर्णता को प्राप्त कर लेगा तो मरीज कागज रहित रिकॉर्ड्स और पर्चियों से सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। प्रत्येक नागरिक के पास 14 अंकों का एक यूनिक हेल्थ आईडी होगा, जिसके जरिये वह सेवाएं प्राप्त कर पाएगा। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत मिलने वाला आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड का सुरक्षित और सहमति आधारित उपयोग सुनिश्चित करता है। यह आजीवन मान्य, स्वैच्छिक एवं निःशुल्क है। यह अस्पतालों, लैब्स और क्लिनिक्स के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ावा देता है। यह बेहतर डॉयग्नोसिस और उपचार में सहायक है। इसके जरिये स्वास्थ्य बीमा से सीमलेस इंटीग्रेशन भी हो रहा है। वक्ताओं ने कहा कि यह मिशन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एकीकृत मंच प्रदान कर रहा है। यह भारत सरकार की एक ऐसी पहल है जो स्वास्थ्य प्रणाली के डिजिटलीकरण का लक्ष्य रखती है। इसमें हेल्थ आईडी, हेल्थ फैसिलिसिटी रजिस्ट्री और हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री जैसे घटक शामिल हैं। यह भी बताया गया कि आने वाला समय इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और मैनेजमेंट का है। ऐसे में ईएमआर और एचएमआईएस न सिर्फ मरीज के लिए उपयोगी है, बल्कि यह अस्पताल के व्यवसाय को गुणवत्ता से परिपूर्ण बनाएंगे और संस्थानों के प्रति लोगों में विश्वसनीयता भी बढ़ाने का काम करेंगे। कार्यशाला को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मंडलीय कार्यक्रम प्रबंधक अरविंद पांडेय, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ गगन गुप्ता, एएचपीआई के निदेशक डॉ सुनील खेत्रपाल, विषय विशेषज्ञ और सैनिक हॉस्पिटल नई दिल्ली के वरिष्ठ परामर्शदाता लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ एमएम रामशंकर, एएचपीआई की सचिव डॉ जैनब जैदी, रीजेन्सी हेल्थ ग्रुप से डॉ विजय लक्ष्मी गोपाकुमार, डॉ. संदीप शर्मा, संजीव सिंह आदि ने संबोधित किया और अपनी प्रस्तुति भी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ मुस्तफा खान व वेद प्रकाश पाठक ने किया। इस मौके पर फरहान आलम, सोफिया खान, पुष्पेश पाठक, चंदन जोशी आदि रहे।



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