गाजीपुर : जिला न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन, 1. 27 लाख मामलों का हुआ निस्तारण





गाजीपुर। जिला न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ प्रशासनिक जज विवेक वर्मा ने मां सरवस्ती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद लोक अदालत के महत्व पर कहा कि लोक अदालत से जहाँ एक ओर समय की बचत होती है, वहीं लम्बे समय से लम्बित मामलों के त्वरित निस्तारण का यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है। जिला जज धर्मेन्द्र पाण्डेय द्वारा लोक अदालत की सफलता के लिए सभी अधिकारियों को अधिक से अधिक निस्तारण के लिए प्रोत्साहित किया गया। साथ ही सुलह समझौते के माध्यम से आपसी रंजिश को समाप्त करने की अपील की। इस दौरान नोडल अधिकारी शक्ति सिंह ने बताया गया कि ऐसे छोटे प्रकरण, जिसमें अनावश्यक रुप से मुकदमेबाजी के कारण पक्षकारों के बीच वैमनस्यता विद्यमान रहती है, उसे खत्म कर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने में लोक अदालत द्वारा सक्रिय भूमिका निभायी जा रही है। बताया कि इस समय हमारे देश की सेनाएं बार्डर पर मुस्तैदी से जुटी हुई हैं। ऐसे में हम सभी का यह दायित्व बनता है कि हमारे बहादुर जवानों के परिजनों को कोई असुविधा न होने पाये। इसके तहत सिर्फ सैन्य कर्मियों एवं उनके परिजनों के लिए एक विशेष शिविर के आयोजन के बाबत जानकारी दी गई। बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में वृद्धा, दिव्यांग व विधवा पेंशन के लिए भी शिविर भी लगाया गया। इसके अतिरिक्त लगाये गये मेडिकल कैम्प में विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ मौजूद रहे। वहीं बिजली बिल, गृहकर व जल कर सहित अन्य सामाजिक योजनाओं से सम्बंधित स्टॉल भी लगाए गए थे। लोक अदालत के दौरान प्रशासनिक जज द्वारा कुछ दिव्यांगजनों को ट्राई साईकिल, बैसाखी व कान की मशीन का वितरण भी किया गया। इसके बाद प्रशासनिक जज द्वारा राजकीय प्लेस ऑफ सेफ्टी राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अपचारी किशोरों का हाल जाना व उन्हें दिए जा रहे प्रशिक्षण की जानकारी भी ली। अपर जज विजय कुमार चतुर्थ ने बताया कि इस दौरान कुल 1 लाख 27 हजार 39 मामले निस्तारण के लिए नियत किये गये थे, जिसमें से सुलह समझौते व संस्वीकृति के आधार पर कुल 1 लाख 13 हजार 387 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किये गये। जिनमें विभिन्न न्यायालयों द्वारा राजस्व के 14 हजार 20 मामले तथा बैंक एवं अन्य विभाग द्वारा कुल 86 हजार 171 मामले निस्तारित किये गये। परिवार न्यायालय द्वारा कुल 6 वैवाहिक जोड़ों का व सुलह समझौता केन्द्र द्वारा 1 विवाहित जोड़े की सुलह कराकर विदाई करायी गयी। इस मौके पर एमएसीटी संजय हरिशुक्ला, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार, सीजेएम नूतन द्विवेदी, जिलाधिकारी डॉ. अविनाश कुमार, पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज राजा, जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय सोनी आदि रहे।



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