पिता की पुण्यतिथि और अपने जन्मदिन पर दो लोगों ने गोद लिये टीबी के 3 मरीज, आमजन से भी की गई अपील
गोरखपुर। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने में निक्षय मित्रों की अहम भूमिका है। निक्षय मित्र टीबी मरीज को गोद लेकर उन्हें इलाज चलने तक प्रति माह पोषक सामग्री देते हैं और उन्हें मानसिक संबल भी प्रदान करते हैं। इससे टीबी मरीज भावनात्मक तौर पर और पोषण के स्तर पर मजबूत हो जाता है और ठीक होने में मदद मिलती है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) समन्वयक अभय नारायण मिश्र ने पिता की पुण्यतिथि पर एक टीबी मरीज युवक को और चिकित्सक डॉ मुस्तफा खान ने अपने जन्मदिन पर एक टीबी मरीज एवं तीन वर्षीय टीबी उपचाराधीन बच्ची को गोद लिया है। तीनों मरीजों के लिए पोषण पोटली देकर उन्हें सहयोग का आश्वासन दिया गया। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) ने जनपदवासियों से अपील की है कि वह अपने जीवन के प्रमुख अवसरों जैसे जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, बच्चों के जन्मदिन, घर के प्रमुख व्यक्ति की पुण्यतिथि पर टीबी मरीजों को गोद लेकर निक्षय मित्र बने और टीबी मुक्ति में योगदान दें। उन्होंने बताया कि जिले में इस समय 880 निक्षय मित्रों द्वारा 2535 टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी मनोवैज्ञानिक और पोषण संबंधी सहायता की जा रही है। गोद लेने वाले निक्षय मित्र को इलाज चलने तक प्रति माह टीबी मरीज से सम्पर्क कर स्वेच्छा से फल, गुड़, चना, मूंगफली का दाना जैसी पौष्टिक सामग्री उसे देनी होती है। वह मरीज कोमानसिक संबल देने के साथ साथ पात्रता के अनुसार सामाजिक सहायता योजनाओं से जोड़ने में मदद कर सकते हैं। डॉ यादव ने बताया कि टीबी मरीज को लगातार यह विश्वास दिलाना है कि यह बीमारी ठीक हो जाती है लेकिन बीच में दवा बंद नहीं होनी चाहिए। गोद लेने के जरिये समाज में यह संदेश भी देना है कि टीबी की दवा शुरू हो जाने के तीन सप्ताह बाद इसके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचने की आशंका नहीं रहती है। इस मौके पर मयंक, भरत जायसवाल, स्वतंत्र कुमार, अमरनाथ जायसवाल, रिंकी आदि रहे।