सामुदायिक सहभागिता से होगा संचारी रोगों पर नियंत्रण, जुलाई में चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान





गोरखपुर। इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, टीबी, कालाजार और कुष्ठ जैसे संचारी रोगों के नियंत्रण व उन्मूलन में विभागीय प्रयासों के साथ साथ सामुदायिक सहभागिता की भूमिका अहम है। प्रत्येक नागरिक को इनके नियंत्रण और उन्मूलन के प्रयासों से जुड़ना होगा। जुलाई में प्रस्तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक पखवाड़ा और अगस्त में प्रस्तावित सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम ऐसे विशेष मौके हैं, जिनके जरिये समुदाय से जुड़े सभी लोग अपना योगदान दे सकते हैं। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने अभियानों के सम्बन्ध में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान सीएमओ कार्यालय में शुक्रवार को कहीं। उन्होंने बताया कि जिले में एक से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलेगा, जिसमें 12 अलग-अलग विभाग जनजागरूकता की गतिविधियों के साथ साथ वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों में योगदान देंगे। इस दौरान नालियों की साफ सफाई, फॉगिंग, चूहा, छछूंदर, मच्छर नियंत्रण के सभी उपाय, स्वच्छ पेयजल व शौचालय के इस्तेमाल, मच्छररोधी पौधों को लगाने, सूकरबाड़ों को आबादी से दूर ले जाने के लिए संवेदीकरण, स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता, स्कूली बच्चों को साफ सफाई के प्रति जागरूक करना, कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने के प्रयास और इंसेफेलाइटिस से दिव्यांग मरीजों की मदद पर विशेष जोर होगा। इसी अभियान के दौरान 17 से 31 जुलाई के बीच दस्तक पखवाड़ा मनाया जाएगा, जिसमें आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम एक साथ जिले के प्रत्येक घर का दौरा करेंगी। लोगों को बीमारियों से बचाव के बारे में जानकारी देंगी और साथ ही बुखार, कोविड, टीबी, फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार के लक्षण वाले संभावित मरीजों की लिस्ट बनाएंगी। ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य विभाग जांच कराएगा और बीमारी की पुष्टि होने पर सरकारी प्रावधानों के तहत उनका इलाज कराएगा। कहा कि मानसून के आगमन के साथ ही मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ेगा। पंचायती राज और नगर निकाय विभाग सामुदायिक स्तर पर इनके नियंत्रण का प्रयास करेंगे, लेकिन घरों के अंदर मच्छरों के स्रोत को नागरिकों को खुद ही नष्ट करना होगा। मच्छरों के लार्वा को पनपने के लिए थोड़ा सा भी जलजमाव काफी होता है। इसलिए घर के भीतर कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें और खासतौर पर साफ पानी। एक चम्मच साफ पानी भी डेंगू के मच्छर को पनपने के लिए काफी है। गमलों, कूलर, फ्रिज ट्रे, पशुओं के बर्तन आदि में पानी इकट्ठा न हो इस बात का खास ध्यान रखना है। लोग पीने के लिए इंडिया मार्का टू हैंडपम्प के ही जल का प्रयोग करें। खुले में शौच बिल्कुल न करें। हाथों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। जब भी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम जाए और बीमारी के लक्षणों के बारे में बात करे तो उससे खुल कर लक्षणों के बारे में बताएं ताकि समय से जांच करा कर उपचार शुरू किया जा सके। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने कहा कि 10 से 28 अगस्त तक फाइलेरिया उन्मूलन का सर्वजन दवा सेवन अभियान चलेगा। इस दौरान एक वर्ष से दो वर्ष तक के बच्चों को पेट में कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी। दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को (गर्भवती और गंभीर तौर पर बीमार लोगों को छोड़ कर) दो प्रकार की दवाओं का सेवन करना है। अगर पांच साल तक लगातार साल में एक बार इन दवाओं का सेवन किया जाए तो फाइलेरिया से बचाव होगा। दवा का सेवन आशा, आंगनबाड़ी या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने ही करना है फाइलेरिया लाइलाज है, इसलिए स्वस्थ होने के बावजूद बचाव की यह दवा खानी है।



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