श्रद्धालुओं के लिए शुरू हुआ माघ माह का पवित्र स्नान, गोमती नदी तट पर हो रही स्नानार्थियों का जुटान
खानपुर। पौष शुक्ल पूर्णिमा से माघ स्नान प्रारंभ हो गया। गंगा गोमती के पवित्र नदियों में माघ का पूरा माह स्नान, दान, पुण्य के लिए शुभ माना गया है। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ स्नान का बड़ा महत्व बताकर इसे मोक्ष प्रदाता कहा गया है। माघ मास में खरौना स्थित गंगा गोमती संगम और गंगा के सभी घाट, गोमती सहित अन्य नदियों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नानार्थियों की भीड़ लगती है। माघ मास के ब्रह्म मुहूर्त में जागकर पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का क्षय होता है। इस माह में दान-पुण्य, रोगियों, निशक्तों की सेवा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। गंगा में एक बार डुबकी लगाने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति की आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है। इस माह में अपने गुरु या ईष्ट के मंत्रों का जाप करने से आत्मसंयम की प्राप्ति होती है। माघ माह में पवित्र नदियों के तट पर निवास करने का भी बड़ा महत्व है। पवित्र नदियों के तट पर कल्पवास करने के दौरान संयम, धैर्य और मौन रहते हुए सात्विक जीवन जीना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में जागकर पवित्र नदियों का जल डालकर घर में स्नान करें। माघ माह में दान का भी बड़ा महत्व बताया गया है। इस माह में गरीबों, निशक्तों, अनाथों, दिव्यांगों, दृष्टिहीनों को आवश्यकता की वस्तुएं भेंट करना चाहिए। अनाज, फल, कपड़े, जूते-चप्पल, गर्म कपड़े, कंबल, भोजन, दवाइयों आदि का दान करना लाभकारी होता है।