जखनियां : दुनिया के सभी तीर्थ व हर पूजा पाठ करने वाले में भी अगर नहीं है दया भाव तो सब कुछ करना है व्यर्थ - डॉ. अमर चैतन्य





जखनियां। क्षेत्र के रामपुर बलभद्र में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन काशी से आए कथावाचक डॉ अमर चैतन्य महाराज ने कहा कि मानव के जीवन में दया की भावना बहुत ही जरूरी है। कहा कि जिस मनुष्य के अंदर दया भाव नहीं है, वह प्राणी चाहे जितना भी पूजा पाठ व तीर्थ कर ले, वह सब उसके जीवन में शून्य के बराबर है और उनका उसे कोई पुण्य कभी नहीं मिल सकता। कहा कि भक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम दया है। प्राणी में अगर दया है तो वह सरलता के साथ भक्ति के मार्ग पर अग्रसर होता रहेगा। कहा कि जीवन में भक्ति हो सकती है, पूजा हो सकती है पर प्राणी के जीवन में प्रभु की जब बहुत बड़ी कृपा होती है, तभी वैराग्य उत्पन्न होता है। जीवन में अगर कुछ करना है तो मनुष्य को दो बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। कहा कि कुसंग को कभी नहीं अपनाना चाहिए, हमेशा सत्संग के मार्ग को अपनाना चाहिए। प्रभु के जो प्रिय भक्त हों, उनका साथ हो, जहां प्रभु की चर्चा हो ऐसे लोगों के साथ रहना चाहिए। कहा कि जो परमात्मा से जोड़ने का कार्य करें, वही अपने हैं। लेकिन प्रभु से जो दूर करने का काम करें, ऐसे प्राणी अधम हैं और उनसे हमेशा दूर रहने की आवश्यकता है। इस मौके पर भाजपा नेता पारसनाथ राय, डॉ संतोष मिश्रा, रजनीकांत पांडे, ज्ञानप्रकाश पांडे, मुख्य यजमान उषा देवी, मानवेंदु पांडे, रानू, आशुतोष पांडे, राकेश पांडे, उपेंद्र सिंह, ऋषू पांडे, कल्पना पांडे, डिंपल पांडे, शैलू सिंह आदि रहे।



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