ईश्वर की पूजा से भगवान की प्राप्ति के साथ ही मिलती है मन की शांति - महामंडलेश्वर
गाजीपुर। सिद्धपीठ हथियाराम के 26वें पीठाधिपति एवं जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति महाराज ने कहा कि भगवान की पूजा-आराधना करने से न केवल भगवत कृपा की प्राप्ति होती है, बल्कि मन को शांति भी मिलती है। भगवत भजन से हमारा संस्कार और भविष्य संवरता है। वह अपनी धार्मिक यात्रा (रामहित यात्रा) के दौरान सोमवार को बिजहरी ग्राम में हरिहरात्मक पूजन के उपरांत उपस्थित शिष्य-श्रद्धालुओं के बीच प्रवचन कर रहे थे। महामंडलेश्वर ने कहा कि प्राचीन काल से चली आ रही परंपरानुसार भगवत भजन और पूजा-पाठ करके जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त करने के साथ ही इस तन की सार्थकता को सिद्ध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह मानव जीवन बड़े भाग्य से प्राप्त हुआ है, जिसे सत्कर्म के जरिये सफल बनायें। व्यक्ति अपने सत्कर्मों के जरिये ही इस दुनिया में न रहने के बाद भी याद किया जाता है, तो जीवन में कुछ ऐसा कर जाएं जिससे लोग आपको याद करें। कहा कि सांसारिक जीवन में धर्म-कर्म और परमात्मा की आराधना-वंदना करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। गौरतलब है कि सनातन धर्म की गरिमामयी हजारों वर्ष प्राचीन एवं सिद्धपीठ हथियाराम की 750 वर्ष प्राचीन परम्परा का निर्वहन करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति इन दिनों रामहित यात्रा कर शिष्य-श्रद्धालुओं को धर्मोपदेश दे रहे हैं। बिजहरी में रामहित यात्रा के दौरान कमलेश्वर सिंह, तेजबहादुर सिंह, विनोद सिंह, शैलेश सिंह बागी, हृदयनारायण पाण्डेय, प्रेमशंकर सिंह, शिवप्रसाद दूबे, अखिलेश सिंह, रामाशीष सिंह, मदनमोहन, संतोष कुमार सिंह सहित सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु महिलाएं पुरुष स्वागत-वंदन करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित रहे। महामंडलेश्वर सोमवार की शाम हुरमुजपुर गांव पहुंचे, जहां संध्याकाल में आरती-वंदना और मंगलवार की सुबह हरिहरात्मक पूजन के उपरांत भक्तों के बीच प्रवचन करते हुए धर्मोपदेश देंगे।