ऐसा चिकित्साधिकारी, जिसे विभाग के निर्देशों की भी नहीं है जानकारी, लापरवाही के लिए कुख्यात अस्पताल के बाबत डिप्टी सीएम तक पहुंची शिकायत





खानपुर। खानपुर का स्वास्थ्य केंद्र प्रशासन आमतौर पर मरीजों के लिए तो 95 प्रतिशत तो लापरवाह है ही, लेकिन वहां के चिकित्सकों के रगों में लापरवाही इस कदर घुस गई है कि अब उनके लिए शासन व सरकार के आदेश व अभियान भी महत्व नहीं रखते। उनके लिए उनका नियम ही सर्वश्रेष्ठ बन गया है। एक तरफ रविवार को पूरे प्रदेश में कोरोना वैक्सीन के प्रिकॉशनरी डोज के निःशुल्क अभियान के लिए सभी सीएचसी, पीएचसी व स्वास्थ्य केंद्रों पर मेगा कैंप लगाया गया था तो दूसरी तरफ कार्य दिवस में भी स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अनुपस्थित होकर घर पर रहने के लिए मशहूर खानपुर सीएचसी में मेगा कैंप से ही चिकित्सक गायब हो गए। जिसके बाद वहां कैंप का उद्घाटन करने गए भाजपा नेता नाराज हो गए। पूरे मामले की शिकायत उन्होंने प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक समेत डीएम से की। जिसके बाद चिकित्सक द्वारा अब सफाई पेश की जा रही है। भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री व वरिष्ठ नेता रामतेज पांडेय पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार, सीएचसी पर मेगा कैंप का उद्घाटन करने पहुंचे। वहां पर निःशुल्क वैक्सीन लगवाने के लिए दर्जनों महिला व पुरूष भी पहुंचे थे। लेकिन वहां पहुंचने पर चिकित्सक समेत वैक्सीन भी नदारद मिली तो सभी दंग रह गए। स्वास्थ्य केंद्र पर मात्र तीन स्टाफ नर्स और एक आया मौजूद थी। ये देख वहां मौजूद आमजन की अस्पताल को लेकर आए दिन होने वाली समस्या की टीस उभर पड़ी। सभी ने चिकित्सकों व कर्मियों की मनभर शिकायत की और कहा कि यहां पर चिकित्सक व कई स्वास्थ्यकर्मी तो कभी आते ही नहीं हैं। कहा कि पूरे जिले के सभी सीएचसी व पीएचसी पर अधिकारियों व मंत्रियों का दौरा होता है लेकिन इस सीएचसी को ब्रह्मा का आशीर्वाद प्राप्त है। यहां पर कभी निरीक्षण नहीं होता और अगर होता भी है तो चिकित्सकों ने इस कदर सेटिंग की है कि उन्हें पहले ही पता चल जाता है और वो उस दिन उपस्थित हो जाते हैं। यहां के मरीजों को सैदपुर सीएचसी जाना पड़ता है। यहां तक कि खानपुर थाने पर आए कई मेडिको लीगल मामलों को भी सैदपुर सीएचसी पर लाया जाता है। लोगों के मुंह से सीएचसी को लेकर शिकायतें सुनकर भाजपा नेता बिफर उठे और उन्होंने तत्काल डिप्टी सीएम व डीएम से फोन पर वार्ता कर पूरी बात बताई। इधर इस बाबत सफाई देते हुए चिकित्साधिकारी केपी सिंह ने बताया कि इस बीच किसी तरह के कैंप नहीं लगते थे तो मैं समझ नहीं पाया कि रविवार को यहां कैंप लगेगा। कहा कि विभागीय सूचना से अगवत न हो पाने से मैं कैम्प आयोजित नहीं करवा पाया। उनके इस बचकाने जवाब पर लोग चुटकी ले रहे हैं कि जब अस्पताल के अधिकारी को ही नहीं पता है कि उनका विभाग क्या कर रहा है तो ऐसे लोग अस्पताल में मरीजों का इलाज किस तरह करते होंगे, ये सोचने का विषय है।



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