पूरे विश्व में पूज्य ग्रंथ है श्रीराम चरित मानस, मानव को देता है सद्मार्ग - संत त्रिवेणीदास





देवकली। गंगा के तटवर्ती क्षेत्र स्थित चकेरी धाम पर शनिवार को प्रवचन किया गया। जहां संत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि श्रीरामचरित मानस एक आदर्श ग्रन्थ है। ये पूरे विश्व में पूज्य है। कहा कि माता-पिता, सास-बहू, मित्र से मित्र, गुरु-शिष्य, भाई से भाई व राष्ट्र के प्रति नागरिक का कैसा संबंध होना चाहिए, इसकी पूरी शिक्षा इससे मिलती है। कहा कि इसके सभी पात्र पूज्य हैं। कहा कि आज लोग माता-पिता की सेवा नहीं करते हैं। जिससे पूरे देश में वृद्धाश्रम जोरों पर चल रहा है। कहा कि आज का मनुष्य भारतीय संस्कृति का परित्याग कर पश्चिमी सभ्यता की तरफ भाग रहा है। ये पतन का कारण बन गया है। कहा कि रामायण में राम के दल में वृद्ध जामवन्त से भी सलाह ली जाती है तो दूसरी तरफ रावण दल में माल्यवन्त व भक्त विभीषण को भी लात मारकर राज्य से निकाल दिया जाता है। इसी के चलते लंका का सर्वनाश हो गया। बताया कि आगामी 17 से 23 जुलाई तक सात दिवसीय श्री सीताराम महायज्ञ महामण्डलेश्वर स्व. रामदास महाराज के पंचम निर्वाण दिवस पर अयोध्या के रामघाट पर आयोजित है। जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचें।



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