आपातकाल के 74वें साल को भाजपा ने मनाया काला दिवस, इंदिरा गांधी को बताया तानाशाह, लोकतंत्र सेनानियों का हुआ सम्मान


गाजीपुर। 47वें आपातकाल दिवस को भाजपा ने शनिवार को जिला कार्यालय पर लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में गोष्ठी आयोजित कर काले दिवस के रूप में मनाया। बतौर मुख्य अतिथि यूपी के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि 21 माह के आपातकाल के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को प्रतिबंधित करने के साथ ही कार्यालयों मे तालाबंदी, संवाद की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करते हुए प्रेस की आजादी छीन ली गई थी। कहा कि इस दौरान विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को जबरदस्ती जेल मे ठूंस दिया गया था और उसी का परिणाम था कि जनता के आक्रोश के कारण 1977 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आज विश्व का हर देश भारत के प्रधानमंत्री के पीछे चल रहा है। कहा कि इंदिरा गांधी तानाशाही प्रवृत्ति की थीं। उनके सामने उनकी ही पार्टी के नेता अपनी बात नहीं कह सकते थे। इस दौरान राज्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा प्रस्तुत मांग पत्र पर ध्यान आकृष्ट कराने का आश्वासन दिया। बतौर विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सदस्य सकलदीप राजभर ने कहा कि भारत में सदैव से अत्याचारी शक्तियों का वर्चस्व रहा है, जिनके अत्याचारों के दमन और जनता के कल्याण के लिए दैवीय शक्तियों ने अवतार लिया है। इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र के अधिकारों का दुरुपयोग किया था। एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने कहा कि आपातकाल के दौरान जनता की दुर्दशा एवं संवैधानिक अधिकारों के हनन की गाथाओं को सुनकर मन आक्रोश से भर जाता है कि लोकतंत्र को घाव देने वाली कांग्रेस पार्टी और उसके लोग आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं। उन्होंने मौजूद लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करते हुए कहा कि आपका त्याग और बलिदान व्यर्थ नहीं है। आप लोगों की वीरगाथा चेतना मे स्मरणीय रहेगी। इस मौके पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्ण बिहारी राय, जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, लोकतंत्र सेनानी वाल्मीकि सिंह, विजय शंकर चतुर्वेदी, बृजभूषण पांडेय, रामजी गुप्ता, राजेन्द्र प्रसाद चौरसिया, शिवपूजन गुप्ता, पारस सिंह, प्रेम सिंह, उदय प्रताप सिंह, दयाशंकर द्विवेदी, ओमप्रकाश अरूण आदि रहे। संचालन जिला उपाध्यक्ष श्यामराज तिवारी व समापन पूर्व प्रदेश मंत्री रामतेज पांडेय ने किया।