एसीएमओ ने खुद चलाई नई एंबुलेंस, परखी एंबुलेंस सेवा की क्षमता
गोरखपुर। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच एवं एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार ने जिले में एंबुलेंस सेवा की क्षमता परखने के लिए खुद एंबुलेंस को ड्राइव किया। उनके साथ जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद और एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण भी एंबुलेंस में सवार हुए। जिले में पहुंची दूसरी नयी एंबुलेंस के शुभारंभ के मौके पर देर शाम सभी अधिकारी चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। एसीएमओ ने 108 एंबुलेंस में उपलब्ध सेवाओं का भी बारीकी से निरीक्षण किया। डॉ नंद कुमार ने बताया कि जिले में चल रही 102 व 108 एंबुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) श्रेणी की सेवा देती हैं। इनमें ऑक्सीजन, सक्शन, बीपी मानीटरिंग, पल्स मानीटरिंग और सभी आवश्यक दवाएं होती हैं। एक इमर्जेंसी मेडिकल टेक्निशियन की तैनाती भी होती है, जो मरीज को आकस्मिक चिकित्सा सहायता देता है। 102 नंबर एंबुलेंस में प्रसव को संस्थागत प्रसव के समतुल्य दर्जा दिया गया है। इस एंबुलेंस का इस्तेमाल गर्भवती को लाने, प्रसूता व नवजात को घर छोड़ने के लिए होता है। वहीं 108 नंबर एंबुलेंस की सेवा किसी भी गंभीर आकस्मिकता, बीमारी व दुर्घटना में ली जा सकती है। दोनों सेवाएं पूरी तरह से निःशुल्क हैं। एसीएमओ ने बताया कि जिले में आयी दूसरी नयी एंबुलेंस के निरीक्षण किया। जिसमें उन्होंने पाया कि ये गाड़ी सुदूर स्थानों पर भी सेवा देने में सक्षम है। एबुलेंस में सभी आवश्यक उपकरण मौजूद है और आकस्मिक परिस्थितियों में काफी मददगार होगी। बताया कि जिले में 108 नंबर की कुल 50 और 102 नंबर की 46 एंबुलेंस संचालित की जा रही हैं। इन्हीं 108 नंबर की एंबुलेंस में से पुरानी हो चुकी 25 को बदला जाना है। इस मौके पर एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही जीवीके ईएमआरआई संस्था के रीजनल मैनेजर जगदीश्वर पांडेय, हेल्प डेस्क मैनेजर राजन मिश्र, ईएमटी धर्मेंद्र, सुरजीत, ज्ञानेंद्र सिंह, अनिल, संजय, पायलट शिवम, धीरेंद्र, मार्कंडेय, ज्येंत्री, प्रमोद, रंजीत, अमन, चरगांवा पीएचसी के स्वास्थ्यकर्मी मनीष सिंह, मनीष अग्रहरि, एके सिंह आदि रहे।