सैदपुर में चोरों का अभूतपूर्व तांडव, फिल्मी अंदाज में यूनियन बैंक का छत व 5 लॉकर काटकर करोड़ों की चोरी, त्रिभुवन सिंह की बहू का भी लॉकर काटा
सैदपुर। नगर स्थित यूनियन बैंक की शाखा की एक फीट मोटी कंक्रीट की छत व एक इंच मोटी स्टील के चादर के लॉकर काटकर अज्ञात चोरों ने फिल्मी अंदाज में कई लॉकरों से करोड़ों की चोरियों को अंजाम दे दिया। घटना के बाद पूरा पुलिस महकमा समेत बैंक के लॉकरधारक हलकान रह गए। पूरे दिन बैंक के काटे गए लॉकरों के बाबत जानने के लिए लॉकरधारक बैंक कर्मियों समेत संवादकर्मियों को फोन करते रह गए। घटना के बाद मौके पर आईजी समेत एसपी आदि पहुंचे और घटना का जायजा लिया। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से काफी फिंगरप्रिंट व फुट प्रिंट्स जुटाए। वहीं घटना का तरीका देखकर लोगों ने बीते दिनों आई धूम फिल्म के तरीके की भी बात की। उसमें भी इसी तरह से चोरी की गई थी। यूनियन बैंक की शाखा में मुड़ियार निवासी त्रिभुवन सिंह की बहू सीता देवी पत्नी अनिल सिंह, आराजीगंज निवासिनी बिंदूमति देवी पत्नी राकेश कुमार, वार्ड 8 निवासी श्यामसुंदर गुप्ता, तहसील मुख्यालय के पास निवासी भारती विश्वकर्मा व तहसील निवासी यशवंत सिंह के लॉकर थे। इस बीच शनिवार के बाद से बैंक बंद थे और सोमवार को बैंक खुले। सुबह 11 बजे के लगभग जब बैंककर्मी किसी काम से लॉकर रूप में पहुंचे तो अंदर करीब 1 फीट मोटी कंक्रीट की छत को काट दिया गया था। उसमें से उतरकर चोरों ने अंदर से उक्त 5 लोगों के लॉकर नंबर क्रमशः एसए 7, एसए 23, एसए 24, एसए 25 व एसए 20 को काट दिया था। लॉकरों के दरवाजे की चादर करीब 1 इंच मोटी स्टील से बनी थी। पीड़ित सीता देवी के अनुसार, उसमें उनकी बेटी शिवानी की शादी के लिए रखे गए जेवरों समेत अन्य करीब 50 लाख रूपए से अधिक के गहने थे। भारती विश्वकर्मा के अनुसार, उसमें उनकी शादी के 35 सालों के बीच रखे गए करीब 1 किलोग्राम से अधिक वजन के सोने के जेवर आदि थे। उन्होंने करोड़ों रूपए कीमत के सामान जाने की बात कही। उनके अलावा श्यामसुंदर गुप्ता के लॉकर से भी करीब 70 लाख रूपयों के सामान जाने की बात बताई जा रही है। हालांकि यशवंत सिंह का लॉकर खाली था। जिसमें से चोरों को कुछ नहीं मिला। वहीं एक अन्य पीड़िता बिंदूमति से अब तक संपर्क नहीं हो सका। इधर बैंक में फिल्मों की तर्ज पर हुई चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस महकमा हलकान रह गया। पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और मुआयना किया। उन्होंने चोरी स्थल देखने के साथ ही बैंक के पीछे का जायजा लिया। मौके पर करीब 10 नंबर के जूते का भी दो फुटप्रिंट मिला। जिससे ये पता चल रहा है कि चोरों ने बैंक की छत पर जाने के लिए सीढ़ी की बजाय पीछे का रास्ता लिया होगा। वहां भी जाने के लिए वो संभवतः रेलवे लाइन की दीवार फांदकर आए थे। इसके कुछ देर बाद आईजी के. सत्यनारायणा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी मुआयना किया और बैंक के अधिकारियों से बातचीत की। बैंक की तरफ से अग्रणी जिला प्रबंधक सूरज कुमार, सतर्कता अधिकारी विकास उपाध्याय, सुरक्षा अधिकारी राजेंद्र, मुख्य सुरक्षा अधिकारी आलोक कुमार आदि पहुंच गए थे। उनसे आईजी व कप्तान ने काफी देर तक पूछताछ की। इसके बाद बैंककर्मियों अंदर आने वाले पंखा मैकेनिक से लेकर लाइनमैन आदि सभी कर्मियों से पूछताछ की गई। फॉरेंसिक टीम ने अंदर से फिंगर प्रिंट उठाए। इस दौरान पूरे दिन लॉकरधारक फोन करके पता कर रहे थे कि कहीं उनके लॉकर को भी निशाना तो नहीं बनाया गया है। इधर पीड़ित सीता सिंह मौके पर पहुंची और जानकारी ली। बैंककर्मी किसी को भी अंदर नहीं जाने दे रहे थे। शाम को भारती विश्वकर्मा भी पहुंचे। वहां पीड़िता ये कहकर रोने लगी कि घर में गहने सुरक्षित नहीं होते हैं, इसीलिए हम इन्हें बैंक में रखते हैं। अब बैंक में भी जब ये सुरक्षित नहीं हैं तो हम कहां जाएं। उन्होंने बैंक पर मुकदमा कराने की भी बात कही।