प्रधानमंत्री ने इस टैबू पर चुप्पी तोड़ शुरू की थी बड़ी व्यवस्था लेकिन विभागीय चाल के चलते दम तोड़ रही व्यवस्था
बहरियाबाद। सरकार की व्यवस्था के बावजूद विभाग की लापरवाही एवं लोगों में जागरूकता के अभाव के चलते ग्रामीण स्तर पर किशोरियों एवं महिलाओं में सेनेटरी पैड का वितरण नहीं हो पा रहा है। जिसका कारण विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर ये संसाधन एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं आदि स्वास्थ्यकर्मियों को उपलब्ध नहीं कराना है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने सेनेटरी पैड का जिक्र कर गरीब बहन-बेटियों के स्वास्थ्य के चिंता करते हुए कहा था कि सरकार ने जन औषधि केन्द्र के अंदर एक रूपये में सेनेटरी पैड पहुँचाने का एक बहुत बड़ा कार्य किया है। जिसकी सोशल मीडिया पर महिलाओं के बीच काफी चर्चा भी रही। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी जिस विषय पर बात करने से लोग कतराते हैं, समाज में वो एक टैबू की तरह प्रचलित है, उस मुद्दे पर देश के प्रधानमंत्री का इस तरह से बोलना मायने रखता है। बीते 15 सितम्बर को इब्राहिमपुर निवासी शिवकुमार सिंह सोनू ने विभाग को ऑनलाइन शिकायती पत्र लिखकर ग्रामीण महिलाओं में सेनेटरी पैड के वितरण की मांग की थी। जिसके सम्बन्ध में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मिर्जापुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा जांच कर शिकायतकर्त्ता को आख्या प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि एएनएम व आशा संगिनी को निर्देशित किया जा चुका है। आप सम्पर्क कर गांव में सेनेटरी पैड का वितरण करवा लीजिए। जब शिकायतकर्त्ता शिवकुमार सिंह सोनू ने सम्पर्क किया तो एएनएम ममता पटेल व आशा संगिनी चिंतामणि ने बताया कि विभाग द्वारा आज तक हमें कभी भी सेनेटरी पैड उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसे में वितरण तो दूर की बात है।