घरों में मिलने वाली तुलसी के ये हैं खास वैज्ञानिक महत्व, इस तरह कभी न करें तुलसी का सेवन, हो सकता है नुकसान





जखनियां। प्रायः सभी घरों में तुलसी का पौधा देखने को मिलता है। तुलसी पौधे का मनुष्य जीवन में धार्मिक के साथ साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है, जिससे तुलसी का महत्व बढ़ता जा रहा है। सनातन संस्कृति में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र माना जाता है। पं. आमोद पान्डेय ने बताया कि इनकी जड़ों के पास भगवान विष्णु खुद शालिग्राम के रूप में निवास करते हैं। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है। साथ ही उस घर में माता तुलसी की कृपा से धन की प्राप्ति होती है। तु़लसी का पौधा शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति भी देता है जो शरीर को निरोग रखता है। तुलसी के पत्ते के इस्तेमाल से कोरोना जैसी बीमारी का प्रभाव कम हो जाता है। शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह तुलसी के नियमित सेवन से नियंत्रित रहता है, साथ ही व्यक्ति की उम्र भी बढ़ जाती है। एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीबायोटिक गुण तुलसी में रहते हैं, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने के काबिल बनाती है। घर में तुलसी का पौधा होने से वातावरण शुद्ध रहता है। तुलसी की महत्ता को गिनाते हुए बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा जिन घरों में लगा होता है, वहां वास्तु दोष नहीं होता। घर के उत्तर-पूर्ण कोने में ही तुलसी के पौधे को लगाना शुभ माना जाता है। कहा कि कभी भी दांतों से तुलसी के पत्तों को नहीं चबाना चाहिए बल्कि इसे निगलना चाहिए। इसके पीछे ये वैज्ञानिक कारण होता है कि इसके पत्ते को चबाने से दांत खराब हो सकता है, क्योंकि पत्तों में पारा होता है।



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