‘आधुनिक पीढ़ी के चलते कलंकित हो रही पवित्र होली पर्व की गरिमा, आगे आकर युवाओं का मार्गदर्शन करें बुद्धिजीवी’





देवकली। अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा की बैठक स्थानीय बाजार में रविवार को हुई। जिसमें संगठन को मजबूत बनाने तथा कोरोना काल में आदर्श होली मनाने के बारे में चर्चा की गई। पहले की होली व आज की होली में आई विकृतियों को बताते हुए पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा ने कहा कि होली का पर्व भाई चारे का संदेश लेकर आता है। ये पर्व पूरे विश्व में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। रामनरेश कुशवाहा ने कहा कि होली मनाने की परंपरा में व स्तर में लगातार गिरावट आने से इससे एक बड़ा वर्ग दूर होता जा रहा है। कहा कि रंगों का ये पवित्र पर्व अब अभद्रता का रुप लेता जा रहा है। पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा ने कहा कि इस पर्व पर अबीर, गुलाल व रंगों का प्रयोग करने की बजाय अभद्र तरीके से कालिख, तारकोल, नाली के कीचड़ आदि का प्रयोग करना जैसे परंपरा बन गई है। कहा कि इन कुरीतियों के चलते अब ये पर्व कलंकित हो रहा है। इसको दूर करने के लिए समाजसेवी संगठनों, जनप्रतिनिधियों तथा बुद्धिजीवी वर्ग को आगे आकर युवाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए। ताकि देश की ये प्राचीन संस्कृति बरकरार रह सके। इस मौके पर राजेश कुशवाहा, अशोक कुमार, नरेन्द्र कुमार मौर्य, प्रमोद, धर्मराज कुशवाहा, डॉ. शिवकुमार, डॉ संतोष कुमार, रामवृक्ष, रामलाल, डॉ. संजय कुशवाहा, हंसराज, सुरेन्द्र, अजय, वीरेन्द्र मौर्य आदि रहे। संचालन देवनाथ कुशवाहा ने किया।



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