कोरोना महामारी के बीच योगी सरकार ने सूबे के गन्ना किसानों को दी बड़ी राहत, उनके खातों में 418 करोड़ रूपए भेजकर तोड़ा पिछली सरकारों का रिकार्ड
लखनऊ। कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गन्ना किसानों की बकाया राशि देने के लिए बटन दबाकर उनके खाते में 418 करोड़ रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए। शासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार गन्ना किसानों के खाते में 418 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। योगी सरकार का दावा है कि गन्ना किसानों के खाते में 418 करोड़ रुपये के भुगतान के साथ ही पिछली सभी सरकारों के रिकॉर्ड टूट गए। इसके साथ ही 3 वर्षों में 100325 करोड़ों रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान योगी सरकार ने किया है, जो किसी भी सरकार ने इतना भुगतान अपने 5 साल के कार्यकाल में भी नहीं किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गन्ना किसानों के हितों के संरक्षण को लेकर शुरू से ही प्रतिबद्ध रहे हैं। 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश में 19 चीनी मिलें बंद हुई थी। जबकि 2012 से 2017 तक 10 मिले बंद हुई, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 साल में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मिलों की क्षमता वृद्धि की पुरानी मिलों को चालू कराया और नई मिलो का संचालन किया। गन्ना किसानों का अब तक का सर्वाधिक भुगतान समय पर करने का रिकॉर्ड भी सरकार के नाम है। प्रदेश में 48 लाख गन्ना किसान हैं। इनके हितों को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के दौरान भी 119 चीनी मिलें प्रदेश में चलती रहीं। हर मिल से 25 से 40000 किसान जुड़े हुए हैं और हर मिल 8 से 10000 लोगों को रोजगार देती हैं। लॉकडाउन के दौरान इन मिलों के चलते रहने से इनकी आजीविका में कहीं कोई दिक्कत नहीं आई। इसका नतीजा है कि समय उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन और चीनी उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। बताते चलें कि मिल और डिस्टलरी ने प्रतिदिन 500000 लीटर सैनिटाइजर बनाने की क्षमता प्राप्त कर ली है। आज 28 अन्य राज्यों को, दूसरे देशों को भी सैनिटाइजर की आपूर्ति की जा रही है। गौरतलब है कि गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर योगी सरकार ने सत्ता में आने के एक साल बाद ही कड़े तेवर दिखाए थे। तब सीएम योगी ने गन्ना किसानों की बकाया राशि का भुगतान न करने वाले चीनी मिल प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी।