‘माँ से बड़ा प्रेमी और पिता से बड़ा दानी इस संसार में कोई नहीं’





खानपुर। क्षेत्र के खरौना में गोमती तट पर हनुमंत आश्रम में चल रहे सप्त दिवसीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में कथाकार अयोध्या के पंडित परमेश्वर शास्त्री ने कहा कि एक माँ धन, यश, वैभव व सुंदरता देखे बैगैर ही अपने अजन्मे शिशु को जो प्रेम व समर्पण देती है वह किसी भी प्रेम की परिभाषा से परे है और एक पिता जीवन भर उस धन का संग्रह करता है जिसे उसे किसी और को सौंपना है। वो पिता बड़े लाड प्यार से पुत्री को पाल पोष कर एक दिन अपने ही हाथों कन्यादान कर देता है। दान का इससे उत्तम उदारहण कोई नहीं मिलता। बड़ी संख्या में लोगों ने संगीतमय कथा का आनंद लिया।



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