‘निराकार परमात्मा की दया से जीव को मिलती है मनुष्य योनि’





बहरियाबाद। स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन पर रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसे संबोधित करते हुए संत जयराम सिंह ने कहा कि मानव तन दुर्लभ है। निरंकार परमात्मा को जब 84 योनियों में भटक रहे जीव पर दया आती हैं तब जीव को मानव तन की प्राप्ति होती है। मानव तन पाने का एक ही उद्देश्य है कि हम अपने परमात्मा के अंश रूपी मूल स्वरूप को जान लें और इस गूढ़ रहस्य का ज्ञान गुरु की कृपा से ही सम्भव है। गुरु की कृपा से ही हमें सेवा, सुमिरन और सत्संग की प्राप्ति होती है। उन्होंने सत्संग की महत्ता के बारे में कहा कि सत्संग ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम लौकिक जगत के साथ पारलौकिक जगत की यात्रा कर अमर पद की प्राप्ति कर सकते हैं। इसके पूर्व सत्संग का शुभारम्भ “सम्पूर्ण अवतार वाणी“ एवं “सम्पूर्ण हरदेव वाणी“ के काव्य पाठ से हुआ। इस मौके पर ब्रांच प्रमुख अमित सहाय, श्याम लाल गुप्ता, गंगादीन यादव, डॉ. केके सिंह, गामा कन्नौजिया, डॉ बाबूलाल, डॉ. प्रेम सहाय, रामलगन, जनार्दन, सुदामा, रामसेवक चौहान, शिवकुमार, हरेन्द्र यादव, नमिता श्रीवास्तव, श्यामा, अनिता, बबिता, बिंदु आदि मौजूद थे। संचालन घूरन प्रसाद ने किया।



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