योगी जी! रविवार को बंद रहता है यहां का सरकारी अस्पताल?? सरकार को चपत लगा रहे आपके कर्मचारी
मौधा। योगी व मोदी सरकार आमजन के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए नित नई योजनाएं ला तो रही है लेकिन उनके ही मातहत अपनी कामचोरी के चलते सरकार के न सिर्फ इन योजनाओं को फेल करने का काम कर रहे हैं बल्कि एक तरह से उन्हें लोगों के स्वास्थ्य से कोई सरोकार ही नहीं रह गया है। कमोबेश यही स्थिति क्षेत्र के अनौनी बाजार स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां पर सिर्फ एक चीज पूरी तरह से मुस्तैद रहती है और वो है अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका। जिसमें उनके आने का समय हमेशा अंकित हो जाता है। चाहे चिकित्सक अस्पताल आएं या न आएं या आकर तुरंत वापस ही क्यों न चले जाएं। उनके आने या जाने का समय किसी को पता नहीं रहता। जिसके चलते मजबूरन मरीजों को निजी चिकित्सकों के यहां जाकर अपनी जेब ढीली करानी पड़ती है। आलम है कि पीएचसी और सीएचसी पर चिकित्सकों की 24 घंटों की ड्यूटी है। लेकिन अनौनी पीएचसी इन सभी नियमों से पूरी तरह से परे है। इस अस्पताल का दरवाजा पीएचसी की स्थापना के समय से ही रविवार को बंद रहता है या यहां के कर्मचारियों के अनुसार यूं कहें कि रविवार को अनौनी में किसी की तबीयत खराब नहीं होती इसलिए रविवार को अस्पताल में छुट्टी रहती है। इसके अलावा रोजाना शाम को 5 बजे के बाद यहां कोई नहीं मिलता जिससे मरीज को वहां से जाना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि इस बारे में विभागीय अधिकारियों को जानकारी नहीं है, बल्कि उनसे भी कई बार शिकायत की गई लेकिन उन्होंने भी इस तरफ से आंखें मूंद लेना ही उचित समझा। बीते रविवार को उपचार के लिए अनौनी पीएचसी पहुंचकर वहां से वापस लौटे आकाश सिंह, आनंद पांडेय, किरन देवी, सुनील गोंड, राधे चौरसिया आदि ने बताया कि वो जब वहां पहुंचे तो वहां ताला बंद था। वहां कोई मौजूद भी नहीं था जिससे ये पूछा जा सके कि ये आज खुलेगा भी या नहीं। जिसके चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। वहीं इस बाबत सीएमओ डा. जीसी मौर्या ने बताया कि रविवार को ओपीडी बन्द रहती है लेकिन एक चिकित्सक की मौजूदगी के साथ इमरजेन्सी खुली रहनी चाहिये। अगर अनौनी की पीएचसी रविवार को बन्द थी तो वो इसकी जांच कराएंगे और दोषी मिलने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।