जखनियां : पीएचसी से 2 दशक पूर्व ही बना दिया गया है सीएचसी लेकिन आज तक किसी महिला चिकित्सक की नहीं हो सकी तैनाती, विवश हैं लोग





जखनियां। स्थानीय कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला चिकित्सक न होने से महिलाओं को काफी समस्या होती है। उन्हें अपना इलाज कराने के लिए गाजीपुर के जिला चिकित्सालय या मऊ व वाराणसी जाना पड़ता है। बता दें कि दो दशक पूर्व ही यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सीएचसी का दर्जा देकर इलाज संबंधित बेहतर सुविधाएं देने की व्यवस्था शासन ने की थी। लेकिन हैरानी की बात ये है कि सीएचसी बने दो दशक बीत गए लेकिन आज तक यहां पर एक महिला चिकित्सक की तैनाती तक नहीं हो सकी। ये चिकित्सालय ग्रामीण क्षेत्र में होने से यहां पर सैकड़ों गांव की महिलाएं अपना इलाज कराने के लिए आती हैं। लेकिन यहां पर महिला चिकित्सक की नियुक्ति न होने से विवश होकर पुरुष चिकित्सक से ही अपना इलाज कराती हैं या फिर जिला मुख्यालय पर जाती हैं। लोगों का कहना है कि यहां पर अगर किसी की तैनाती भी की जाती है तो वो अपना जुगाड़ लगाकर यहां नहीं आना चाहता। कई बार तो प्रसव की स्थिति जटिल हो जाने पर भी सिर्फ एएनएम व आशा की प्रसव कराती हैं। बेहद गंभीर स्थिति होने पर उन्हें अन्य शहरों में जाकर बेहिसाब धन खर्च कर इलाज करवाना पड़ता है। कई बार तो वो काल के गाल में भी समा जाती हैं। क्षेत्रवासियों के लाख प्रयास के बाद भी महकमे द्वारा यहां महिला चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। जिसकी नियुक्ति हुई भी तो वो अपने प्रभाव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यभार तक ग्रहण नहीं किया। इस बाबत चिकित्सा प्रभारी डॉ योगेंद्र यादव ने बताया कि चिकित्सालय पर महिला चिकित्सक न होने की जानकारी उच्चाधिकारियों को है।



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