गाजीपुर : किताबें पढ़ने से बड़ा और स्थाई होता है ज्ञान का स्तर, शिक्षित समाज के लिए अभिशाप है दहेज - प्राचार्य





गाजीपुर। पीजी कॉलेज में चल रहे 7 दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के पांचवे दिन ‘पढ़े महाविद्यालय-बढ़े महाविद्यालय, नशा मुक्त भारत-दहेज मुक्त भारत’ विषयक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने छात्रों को पुस्तक पढ़ने और सामाजिक जागरूकता के महत्व को समझाया। कहा कि पुस्तकों के अध्ययन से ज्ञान सम्यक एवं स्थाई होता है। पुस्तकें पढ़ना कई तरह से लाभदायक होता है, जैसे कि ज्ञान और समझ बढ़ती है, शब्दावली में सुधार होता है, तनाव कम होता है, और एकाग्रता बढ़ती है। पुस्तकें हमें विभिन्न विषयों के बारे में सम्यक ज्ञान प्रदान करती हैं और हमारी समझ को व्यापक बनाती हैं। पुस्तकें पढ़ने से हमारी शब्दावली बढ़ती है और हम नए शब्दों को आसानी से सीख सकते हैं। छात्र-छात्राओं से अपील किया कि वे नशे के खिलाफ एकजुट होकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन के भागीदार बनें। नशा युक्त समाज महिलाओं एवं बच्चों के उत्पीड़न का कारक बनता है। नशा मुक्त परिवार एवं नशा मुक्त देश विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने दहेज प्रथा के खिलाफ भी संघर्ष की आवश्यकता पर बल दिया और युवाओं से अपील किया कि वे समाज में समानता और सम्मान की भावना को बढ़ावा दें। कहा कि दहेज प्रथा शिक्षित समाज के लिए अभिशाप है, इसे समाप्त करने के लिए समाज में जनजागरण अभियान चलाने की आवश्यकता है। इस मौके पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ त्रिनाथ मिश्र, श्री धर्मेन्द्र, डॉ अतुल कुमार सिंह, डॉ अशोक कुमार, सहायक कर्मचारी सुनील कुशवाहा, नीरज सिंह आदि रहे।



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