सिधौना : अब घरों में पक्षियों को पालने के शौक के चलते आप जा सकते हैं जेल, ये उपाय करके कानूनी फंदे से बचेगी गर्दन





सिधौना। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अब बिना इजाजत पक्षियों को पालना गैरकानूनी होगा। ऐसा करने पर सात साल तक की जेल और जुर्माना भी हो सकता है। इसके लिए पक्षी पालने के लिए वन विभाग से लाइसेंस लेना पड़ेगा। बता दें कि मानव सभ्यता में शुरू से ही पक्षियां मानवों की सहचरी रही हैं। लोग अक्सर घरों में गौरैया, तोता, मैना, बुलबुल, कबूतर, कोयल आदि पालना पसंद करते हैं। घरों में ज्यादातर पाले जाने वाले सभी प्रजाति के तोते प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। अब बिना लाइसेंस के अपने प्यारे मिठ्ठू को पालना आपको जेल पहुंचा सकता है। पर्यावरण प्रदूषण और मोबाइल टॉवरों से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है। ऐसे में इन पक्षियों को कैद करने से उनके संवर्धन पर असर पड़ता है। जिसके चलते प्रदेश सरकार वन्य जीव संरक्षण अधिनियम को कड़ाई से पालन कराने जा रही है। नियमों के तहत प्रतिबंधित पक्षियों को घर में पालना गैर कानूनी है। ऐसा करने पर आपको हवालात के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। भारत में मिलने वाले तोते की लगभग हर प्रजाति पर अब प्रतिबंध है। नियमों के अनुसार जो भी पक्षी प्राकृतिक माहौल में रह रहा है, उसे अपने घर के पिंजरे में कैद करना क्रूरता है। बिना अनुमति के घरों में पक्षी पालना अपराध है। इसलिए विभागीय अनुमति लेकर ही पक्षी पाल सकते हैं। आवेदन करने के लिए फीस भी 1 हजार रूपए रखी गई है। परिवेश टू पोर्टल पर आने वाले आवेदनों के लिए विभाग मौके पर अधिकारी भेजकर सत्यापन कराता है। जांच में लोगों का नाम पता सही मिलने पर उनका लाइसेंस जारी किया जाता है। पक्षी पालने के बाद भी अधिकारियों को भेजकर जांच भी कराई जाती है। सैदपुर रेंज के वन अधिकारी शंकर नाथ सिंह ने बताया कि जो भी घरों में पक्षियों को पाले हुए हैं, वह सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के वक्त पक्षियों का रख रखाव के व्यवस्था और उनकी संख्या को बताना पड़ेगा।



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