गाजीपुर : ‘अपने निजी स्वार्थ व काले कारनामों को छिपाने के लिए आपराधिक, अयोग्य लोग ओढ़ रहे पत्रकारिता का चोला, सरकार करे कार्रवाई’
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गाजीपुर। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के तत्वावधान में पत्रकारों की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान संगठन के अध्यक्ष डॉ. अनुराग सक्सेना ने पत्रकारिता में असामाजिक, अयोग्य व आपराधिक तत्वों की बढ़ती जा रही भीड़ पर गहरी चिंता जताते हुए सरकार से इस पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की। कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में असामाजिक, अयोग्य व अपराधिक तत्वों की बढ़ती जा रही भीड़ के चलते पत्रकारिता अपने मूल उद्देश्य से भटकती जा रही है और ये भटकाव स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। कहा कि संकुचित मानसिकता के साथ ऐसे लोग सिर्फ अपनी स्वार्थ सिद्धि में जुटकर पत्रकारिता की मर्यादा को तार-तार करते रहते हैं। सलाहकार डॉ. एके राय ने कहा कि सामाजिक हित को ध्यान में रखकर सरकार और प्रशासन से सवाल जबाव करना और समाज को उनके हक और अधिकार के प्रति जागरूक करना हर पत्रकार का धर्म है। इसके लिए एक योग्य पत्रकार में समाचार लेखन, संकलन और संपादन की जानकारी अति आवश्यक है, इसके बिना पत्रकार अधूरा ही होता है। आज अनेकों मीडिया संस्थान लोभ के वशीभूत ऐसे लोगों को भी पत्रकार का तमगा दे देते हैं, जिनका पत्रकारिता से दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध ही नहीं होता और वो अपने किसी न किसी निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए पत्रकारिता की आड़ लेते हैं। उन्होंने इन मुद्दों पर नियंत्रण के लिए सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की। कहा कि यदि सरकार अब भी इस तरफ विशेष ध्यान नहीं देगी तो पत्रकारिता का आस्तित्व संकट में पड़ जायेगा और पत्रकारिता की गरिमा धूल धूसरित होकर रह जायेगी। अध्यक्ष ने कहा कि आज पत्रकारिता के क्षेत्र में अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का बढ़ता दायरा पत्रकारिता के लिए नासूर और घातक बनता जा रहा है। ऐसे लोग अपनी आदतों और काले कारनामों को छिपाने, दबाने के लिए पत्रकारिता का चोला ओढ़कर लगातार पत्रकारिता की छवि को धूमिल कर रहे हैं। ऐसे लोग पत्रकार बनकर समाज में राजनैतिक लोगों के संपर्क के साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों पर रौब जमाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। इस पर रोक लगाने की सख्त जरूरत है। कहा कि जिस प्रकार जनसंपर्क विभाग मान्यता के लिए पत्रकारों का पुलिस वेरिफिकेशन कराता है, उसी प्रकार सरकार यह नियम बनाये कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले हर शख्स का पुलिस वेरिफिकेशन और चरित्र सत्यापन कराया जाए। इसके साथ ही पत्रकार संगठनों के लिए भी अनिवार्य करें कि वे उन्हें ही सदस्य बनाए जो पत्रकार सदस्यता आवेदन फार्म के साथ पुलिस वेरीफिकेशन दें या स्वयं प्रमाणित करें कि उसके खिलाफ कोई अपराधिक प्रकरण नहीं है और न ही कभी ऐसा अपराधिक मामला रहा है, जिसमें उसे सजा हुई हो। बैठक में आवश्यक निर्णय लेने के बाद इस मामले में कार्यवाही के लिए संगठन ने देश के गृह मंत्री को एक मांगपत्र भी भेजा।