गाजीपुर : आगामी 8 से 13 दिसंबर तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान, एक बार फिर से पोलियो को हराने के लिए तैयार होगा भारत





गाजीपुर। 8 से शुरू होकर 13 दिसम्बर तक पूरे जिले में पल्स पोलियो अभियान को वृहद अभियान के रूप में चलाया जाएगा। जिसका शुभारंभ 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों को पोलियारोधी दवा देकर किया जाएगा। 13 दिसम्बर तक चलने वाले इस अभियान के लिए जनपद में 5.5 लाख बच्चों को टारगेट किया गया है। जिन्हें पल्स पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। सीएमओ डॉ सुनील कुमार पांडे ने बताया कि यह कार्यक्रम 0 से 5 साल तक के बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस खुराक के पीने से बच्चों को पोलियो व अन्य बीमारियों से आसानी से बचाया जा सकता है। बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर से पूरे जोशोखरोश के साथ पल्स पोलियो कार्यक्रम के माध्यम से पोलियो को जड़ से खत्म करने का ठाना है। बताया कि रविवार से जनपद में तय लक्ष्य के तहत साढ़े 5 लाख बच्चों को जिंदगी के दो बूंद देने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसे जनपद के 2009 बूथों पर चलाया जाएगा। साथ ही 64 मोबाइल टीम भी बनाई गई है, जिसके माध्यम से बूथ स्तर पर पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा 948 टीमें बनाई गई हैं, जो सोमवार से घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। साथ ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 85 टीमें बनाई गई हैं। पल्स पोलियो के कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां इसमें अपना सहयोग करेंगी। बताया कि छूटे हुए बच्चों को स्पेशल कार्यक्रम के तहत 16 दिसम्बर को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ सुजीत मिश्रा ने बताया कि पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है, जो वायरस से होती है। यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस किसी भी व्यक्ति में प्रवेश करता है, उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है। बताया कि 2014 से अभी तक भारत में पोलियो के एक भी रोगी नहीं देखे गए। यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म के समय, छठें, 10वें व 14वें सप्ताह में दी जाती है। इसके बाद 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जाती है। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोका जा सकता है।



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