सैदपुर : शार्ट सर्किट से सर्राफे की दो दुकानों में लगी आग से लाखों का सामान जलकर राख, लोगों को फिर याद आए जनप्रतिनिधियों के झूठे वादे





सैदपुर। नगर के पानी टंकी के सामने स्थित सर्राफे की दुकान में शार्ट सर्किट के चलते आग लग गई। जिससे पूरी दुकान जलकर राख हो गई, वहीं दुकान में पटरियों पर छोटी दुकान लगाकर सामान बेचने वाले दुकानदारों के रखे गए हजारों रूपए कीमत के सामान भी जलकर राख हो गए। इधर आग तेज होने के चलते बगल में मौजूद दूसरी सर्राफे की दुकान में भी पहुंच गई और उसमें भी पूरा सामान जलकर राख हो गया। आसपास के लोगों ने हमेशा की तरह एकजुटता का परिचय देते हुए तत्परता दिखाई और करीब डेढ़ घंटे में आग पर काबू पा लिया। 2 घंटे बाद पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने थोड़ी बहुत बची हुई आग को बुझाकर कोरम पूरा किया। इस अगलगी की घटना के बाद एक बार फिर से क्षेत्र में फायर ब्रिगेड का न होने लोगों को खल गया, साथ ही इस दिशा में जनप्रतिनिधियों का झूठा वादा व धोखा भी लोगों को कचोट गया। नगर के पूरब बाजार निवासी सौम्यप्रकाश बरनवाल व उनकी चाची व वाराणसी निवासिनी नीतू बरनवाल की सर्राफे की दुकान पानी टंकी के सामने अगल-बगल स्थित है। पूर्व में दुकानें एक होने के चलते दोनों दुकानों की सीलिंग एक ही थी लेकिन बाद में दीवार खड़ी हो गई। दीवार छत तक न होने से करीब एक फीट की जगह ऊपर से खाली थी, जो दोनों दुकानों को जोड़ती थी। रोज की तरह सौम्यप्रकाश व नीतू देवी अपनी-अपनी दुकानों को शाम को बंद करके अपने-अपने घर चले गए। नीतू बरनवाल की दुकान के सामने सड़क किनारे कुछ छोटे दुकानदार हुक्का, बेलन आदि लकड़ी से बने सामान बेचते थे और उस सामान को उनकी ही दुकान में रखकर दुकान को बंद कर देते थे और सुबह वही खोलते भी थे। इस बीच दुकान बंद होने के बाद नीतू बरनवाल की दुकान में किसी तरह से शार्ट सर्किट से आग लग गई और आग बढ़ने लगी। जिसके बाद उधर से गुजर रहे आलोक जायसवाल ने धुआं निकलता देखा तो तत्काल लोगों को सूचित किया। इसके बाद लोग जुट गए और किसी तरह से शटर को खुलवाया। सौम्यप्रकाश तत्काल चाबी लेकर पहुंच गए और शटर खोला। इसके बाद बगल के मकान से सबमर्सिबल से आग पर काबू पाना शुरू किया लेकिन आग काफी तेज हो गई थी और पूरी दुकान जद में आ गई थी। लकड़ी की सीलिंग और दुकानदारों के सामान के चलते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इसके बाद किसी तरह से शटर को उठाया गया। इस बीच अंदर से दोनों दुकानों को जोड़ने वाले खाली हिस्से से आग सौम्यप्रकाश के दुकान में भी पहुंच गई और इनके दुकान का भी पूरा सामान जलकर राख हो गया। नगर पंचायत के टैंकर से लोगों ने किसी तरह से बाल्टी से पानी उलीचकर दुकानों में फेंककर आग पर काबू पाया। वहीं जान दांव पर लगाकर नगर के कई साहसी युवाओं ने अंदर घुसकर पानी फेंककर आग बुझाया। जिसके चलते करीब डेढ़ घंटे में आग बुझ गई। लेकिन एक सवाल छोड़ गई कि आखिरकार सैदपुर में सेहमलपुर में बनकर तैयार पड़े फायर स्टेशन को कब तक शुरू किया जा सकेगा? लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश रहा है कि सैदपुर में कुछ सालों के अंदर अगलगी की ऐसी दर्जनों बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, सत्ता दल के एमएलसी से लेकर विपक्ष के विधायक तक सिर्फ लोगों को आश्वासन की घुट्टी पिलाकर रह जाते हैं कि इसके लिए बजट पास हो गया है, जल्द ही काम हो जाएगा। कुछ करीबियों को तो ये जनप्रतिनिधि उनके सामने ही फोन करके सुनाकर संतुष्ट कर देते हैं और लोग उनके काम से संतुष्ट हो जाते हैं कि अब तो नेताजी ने सुना भी दिया, तो अब फायर स्टेशन शुरू हो ही जाएगा। लेकिन कुछ समय बीतने के बाद ये कदम भी एक राजनैतिक स्टंट बनकर ही रह जाता है। बता दें कि सैदपुर में कोरोना काल में अगलगी की ऐसी दहला देने वाली घटना हुई थी, जिसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए थे। आज हुई अगलगी की घटना वाले जगह से कुछ ही कदम की दूरी पर झुनझुनवाला वस्त्रालय में आग लगी थी। जिसमें न सिर्फ करोड़ों रूपए के कपड़े व नकदी जलकर राख हो गए थे, बल्कि दुकान के मालिक विक्की की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। उस समय भी फायरब्रिगेड की कमी खली थी। अभी कुछ ही दिनों पूर्व सुनील जायसवाल की इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकान में आग लगी थी, उसमें भी दमकल की देरी से आग बढ़ गई थी। अगरबत्ती फैक्टरी से लगायत इसी तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन फिर भी जनप्रतिनिधि फायर स्टेशन को चालू कराने में अब तक फेल हैं।



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