विश्व बाल दिवस पर राजधानी में हुआ समागम 2024 समिट, वंचित बच्चों द्वारा बेहतर भविष्य के सपने देखने व पूरे करने को लेकर किया गया मंथन





लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय बाल दिवस के मौके पर गोमतीनगर स्थित होटल ताज में गोरखपुर की संस्था सेफ सोसाइटी की अगुवाई में समागम समिट 2024 का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला ने वर्चुअली किया। बाल संरक्षण और बाल विकास के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को मिलजुल कर एक ऐसी दुनिया बनानी होगी, जहां वंचित समाज के बच्चे भी स्वतंत्र होकर सपने देख और उन्हें पूरा कर सकें। प्रदेश सरकार के खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने भी वर्चुअल माध्यम से खेलों में वंचित बच्चों की प्रतिभागिता को लेकर अपनी बात रखी। कहा कि पीपीपी मॉडल पर खेल मैदानों के विकास के लिए लोगों को आगे आना होगा। प्रदेश सरकार इसमें हरसंभव सहयोग करेगी। अधिकाधिक खेल मैदान बच्चों के लिए ढेर सारे अवसर उपलब्ध कराएंगे। समिट में पहुंचीं प्रदेश सरकार की ग्रामीण विकास राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम और केंद्र सरकार के पूर्व मंत्री कौशल किशोर ने बच्चों के उत्थान के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। पूर्व विधायक सुरेश चंद्र तिवारी और बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने ठोस कार्ययोजना बनाने पर बल दिया। इस दौरान सरकारी विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं और सीएसआर प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ग्राम पंचायत विकास योजना में बाल अधिकार संरक्षण और खेलों के जरिये बच्चों और युवाओं के चतुर्दिक विकास के मुद्दे पर मंथन किया गया। राज्यपाल ने आयोजक संस्था सेफ सोसाइटी और सभी प्रतिभागी प्रतिनिधियों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चे राष्ट्र के प्रगति की आधारशिला हैं। हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि प्रत्येक बच्चे को आगे बढ़ने, सीखने और समान रूप से जीने का अवसर मिले। ग्राम पंचायत विकास योजनाओं में बाल अधिकारों के संरक्षण से जमीनी स्तर पर बच्चों की सुरक्षा का एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण विकसित होगा। खेलों के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरगामी दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वंचित समुदाय के बच्चों को बहुत संभालने की आवश्यकता है। जाति, लिंग आदि की बाधाओं को तोड़कर बच्चों के विकास का अवसर उपलब्ध करवाने की जरूरत है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बच्चों को अपराध और नशे से बचाने के लिए उन्हें खेलों से जोड़ने की आवश्यकता है। मलिन बस्तियों में इस संबंध में विशेष अभियान चलाए जाने चाहिए। केंद्र सरकार इस क्षेत्र में निरंतर प्रयासरत है। राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बच्चों के चतुर्दिक विकास के लिए प्रयासरत है। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों से क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है और सभी के सहयोग से और भी बेहतर वातावरण बनेगा। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग बच्चों के अधिकारों के संरक्षण और उनके विकास को लेकर निरंतर प्रयत्नशील है। समागम के निष्कर्षों से इस कार्य को और भी प्रभावी बनाया जा सकेगा। पूर्व विधायक ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन निःसंदेह बच्चों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करेंगे। ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट की बाल संरक्षण प्रबन्धक पूजा कंडुला ने बच्चों के उत्थान के अपेक्षित प्रयासों के बारे में बात की और सामुदायिक सहयोग की महत्ता पर प्रकाश भी डाला और पैनल डिस्कसन में हिस्सा लिया। वहीं मुख्य आयोजक संस्था सेफ सोसाइटी के निदेशक विश्व वैभव शर्मा ने बताया कि ‘ग्रामीण भारत’ और ‘खेलों की दुनिया’ में बाल अधिकार संरक्षण के लिए अन्तर्राष्ट्रीय बाल दिवस पर आयोजित इस समिट में आगामी कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रदेश की योगी सरकार बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। इन प्रयासों को सामूहिक उत्तरदायित्व, बेहतर समन्वय और साझा प्रयासों से सफल बनाने के क्रम में ही इस समिट का आयोजन किया गया है। इसके बाद बेसिक उत्थान एवं सेवा संस्थान के बच्चों ने बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया। अर्जुन और लक्ष्मण अवार्ड विजेता धावक गुलाब चंद्र पटेल, यूएन एसडीजी अवार्ड विजेता व एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर पैराथलीट सुवर्णा राज और अन्तर्राष्ट्रीय किक बॉक्सर रिंका सिंह को कार्यक्रम में सम्मानित भी किया गया। खेल विभाग के उप निदेशक एसएस मिश्रा और क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी अखिलेश सिंह ने प्रस्तुति के जरिये प्रदेश के परिदृश्य पर प्रकाश डाला। वहीं समिट के दूसरे सत्र को असम के राज्यपाल और मणिपुर के कार्यवाहक राज्यपाल लक्ष्मणाचार्य ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। कहा कि खेल केवल बच्चों का शारीरिक विकास नहीं करते हैं, बल्कि उनका मानसिक विकास भी करते हैं। ऐसे में खेलों के जरिये बच्चों और युवाओं के चतुर्दिक विकास संबंधित इस समिट के जो भी निष्कर्ष निकल कर सामने आएं, उन्हें प्रत्येक स्तर पर लागू करने की जरूरत है। बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उनके अधिकार ग्राम पंचायत विकास योजना में सुरक्षित होने चाहिए। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सहायक निदेशक पुनीत मिश्रा ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। समारोह में महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक संदीप कौर ने भी प्रतिभाग किया। इस मौके पर महिला आयोग की सदस्य डॉ प्रियंका मौर्या, एनएसीजी-ईवीएसी के अध्यक्ष संजय गुप्ता, दी सीएसआर यूनिवर्स से रुचिका कुमार, श्वेत के पदाधिकारी डॉ विवेक मिश्रा, सेफ सोसाइटी संस्था से बृजेश मणि मिश्रा, बृजेश चतुर्वेदी, अभिषेक पाठक, सोनिका खरवार, शैलेंद्र चतुर्वेदी आदि रहे। संचालन ईशा राय व डॉ मुस्तफा खान ने किया।



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