भीमापार सहकारी समिति के सचिव पर मनमाने ढंग से खाद वितरित करने का आरोप, रसूखदार 5-5 बोरी तो कुछ बिना लिए लौट रहे घर





भीमापार। क्षेत्र के किसानों ने भीमापार सहकारी समिति के सचिव पर डीएपी के वितरण में मनमानी करने का आरोप लगाया है। किसानों का आरोप है कि सचिव द्वारा किसी को एक बोरी तो रसूखदारों को 5-5 बोरी खाद दी जा रही है। खाद वितरण में अनियमितता के कारण कुछ किसानों को दिन भर बैठकर इन्तजार करने के बाद भी निराश लौटना पड़ रहा है। बता दें कि धान की कटाई के साथ ही किसान आलू, मटर, चना, सरसों के साथ ही गेहूँ के बुआई की तैयारियों में जुट गए हैं। लेकिन हर बार सहकारी समिति से खाद की व्यवस्था के आस में किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। सहकारी समिति भीमापार पर पहली खेप के रूप में डीएपी की 400 बोरी व एनपीके की 240 बोरी आई है। जिसे सचिव द्वारा मनमाने तरीके से वितरित किया जा रहा है। डीएपी वितरण की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में किसान पहुँच गये। किसानों ने आरोप लगाया है कि खाद वितरण में मनमानी की जा रही है। कुछ लोगों को पांच-पांच बोरी खाद दी जा रही है। जबकि अन्य किसानों को बड़ी मुश्किल से एक बोरी डाई और एक बोरी एनपीके खाद वितरित किया जा रहा है। दुकानों पर शुद्ध डीएपी न मिलने के कारण ज्यादातर किसान इलाके के दूर-दराज के गाँवों से आते हैं। कई गाँव के किसानों ने बताया कि हर रोज सुबह से देर शाम तक लाईन में खड़े होने के बावजूद उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। चक्कर लगाकर थक चुके अधिकांश किसानों ने निजी दुकानों से महंगे दामों पर डीएपी खरीदकर अपने खेतों की बुआई करनी शुरू कर दी है। इसीलिए कुछ किसान क्षेत्र के रसूखदारों को बिना आधार व खतौनी रात के अंधेरे में डीएपी देने की बात कह रहे हैं। वहीं इस बाबत सचिव शंकर राम ने कहा कि खाद नियमानुसार किसानों को वितरित किया जा रहा है।



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