देवकली : रावण के दरबार में अंगद ने दिया पूरी लंका को चुनौती, पांव तक न हिला सका कोई





देवकली। श्री रामलीला समिति द्वारा देवकली में अंगद रावण संवाद लीला का मंचन किया गया। जिसमें विभीषण अपने भाई रावण को समझाता है कि ‘भईया श्रीराम से बैर न करो, मां सीता को आदर सहित उनके पास पहुंचा दो तो वो तुम्हें क्षमा कर देंगे। जिस पर रावण क्रोधित होकर अपने भाई विभीषण पर लात से प्रहार करके उन्हें लंका से बाहर कर देता है। जिसके बाद विभीषण श्रीराम के पास पहुंचता है तो वहां प्रभु श्रीराम विभीषण को लंका का राजा घोषित करते हैं। फिर इसके बाद आगे की रणनीति पर चर्चा होती है। जामवंत ने राय दिया कि शत्रु को एक बार समझाना उचित है। इसीलिए इस बार अंगद को भेजा जाय। इसके बाद अंगद लंका में जाकर रावण को समझाता है तो रावण घमंड में रहता है। इसके बाद अंत में अंगद ने कहा कि अगर लंका का कोई व्यक्ति मेरा पैर भी हिला देगा तो श्री राम माता सीता को भूलकर लौट जाएंगे। इसके बाद मेघनाथ सहित सभी लोग अंगद का पैर हटाने का प्रयास करते हैं लेकिन हटाना तो दूर, कोई हिला भी नहीं पाता है। इसके बाद रावण स्वयं अंगद का पैर हटाने के लिए आता है तो अंगद कहता है रावण महाराज मेरा पैर पकड़ने से आपका कल्याण नहीं होगा। श्रीराम के पैर पकड़ने से आपका कल्याण होगा। इस दौरान अंगद के रुप में अवधेश पाण्डेय व रावण के रुप में जितेन्द्र वर्मा ने अभिनय करके खूब वाहवाही लूटी। इस मौके पर अध्यक्ष प्रभुनाथ पाण्डेय, उपाध्यक्ष रामनरेश मौर्य, प्रबंधक अर्जुन पाण्डेय, अवधेश पाण्डेय आदि रहे।



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