नंदगंज : शारदीय नवरात्रि में मां चंडिका धाम बना आस्था का केंद्र, दर्शन पूजन को दूर-दराज से आ रहे श्रद्धालु
नंदगंज। शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के पूजन-अर्चन से चारो ओर आस्था का माहौल है। क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिरों में शुमार चांड़ीपुर स्थित मां चंडिका धाम का इतिहास भी अनूठा है। कोई नया कार्य शुरू करने से पूर्व लोग मां चंडिका देवी की पूजा के बाद ही कार्य का शुभारंभ करते हैं। चांड़ीपुर गांव का नाम भी चंडिका देवी के नाम पर रखा गया है। मां चंडिका देवी सिद्धपीठ नंदगंज से 6 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व दिशा में गंगा नदी के किनारे स्थित हैं जो आसपास के जिले के लोगों की आस्था का केंद्र हैं। मां चंडिका सभी की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मंगलकामनाओं के साथ श्रद्धालु मां के धाम में आकर मत्था टेकते हैं। मान्यता है कि मां चंडिका करीब 400 साल पूर्व एक गरीब ब्राह्मण के सपने में आईं और अपनी लीला बताकर क्षेत्र के कल्याण के लिए मंदिर बनवाने को कहा। सुबह हुई तो वह ब्राह्मण ने सपने के बारे में ग्रामीणों से बताया। अगले दिन देवी द्वारा सपने में बताई गई जगह पर खुदाई में उनकी मूर्ति मिली, जिसे स्थापित करके उनकी पूजा अर्चना शुरु कर दी। बाद में वहां अन्य प्रांतों में रह रहे यहां के लोगों के सौजन्य से भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। पुजारी हिमांशु पांडेय ने बताया कि हर साल गंगा दशहरा पर्व पर यहां भव्य भंडारे का आयोजन होता है। लोगों की मनोकामना पूरी होने पर देवी मां को नारियल चुन्नी और पीतल का घंटा चढाते हैं। बच्चों का मुंडन संस्कार मंदिर में कराया जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत मां के पूजन से ही शुरू होती है।