दर्जनों अधिकारियों संग खुद दवा खाकर सीडीओ व डीडीओ ने किया फाइलेरिया मुक्त अभियान का शुभारंभ, सभी से की अपील





गोरखपुर। मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना और जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा समेत दर्जनभर अधिकारियों ने विकास भवन में मंगलवार को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया। लगातार दूसरे वर्ष दवा का सेवन करने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। जिला विकास अधिकारी कार्यालय में उनके साथ साथ कई ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी ने भी दवा का सेवन किया। सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान जिले में दो सितम्बर तक चलेगा। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर घर जाकर दवा खिला रही हैं। यह दवा सप्ताह में चार दिन सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को खिलाई जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह और सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार चौबे की टीम ने विकास भवन में अधिकारियों और कर्मचारियों को दवा का सेवन कराया। दवा खाने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि उन्होंने लगातार दूसरे वर्ष लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया है। इसे पांच साल तक लगातार साल में एक बार खाना जरूरी है। दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे टीम के सामने ही खाना है। इस दवा का सेवन केवल गर्भवती, दो साल से कम उम्र के बच्चे और अति गंभीर बिस्तर पकड़ चुके बीमार लोग नहीं करेंगे। जिला विकास अधिकारी ने कहा कि उन्होंने दवा का सेवन किया और इससे उन्हें कोई प्रतिकूल प्रभाव महसूस नहीं हुआ है। उनके साथ अन्य अधिकारियों ने भी दवा खाई है और सभी पूर्णतया स्वस्थ हैं। लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से खुद को और समाज को बचाने के लिए इस दवा का सेवन नितांत आवश्यक है। एक बार बीमारी का लक्षण सामने आने के बाद यह ठीक नहीं होती है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि 28 अगस्त को दिन में 12 बजे से एक बजे के बीच प्रेस क्लब गोरखपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीम जाएगी। इस मौके पर पत्रकारों के साथ साथ उनके परिजनों को भी दवा खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने पर अगर कोई व्यक्ति घर पर मौजूद नहीं है तो वह जिला अस्पताल और सभी सरकारी अस्पतालों पर बने बूथ या फिर अपने निकटतम आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क कर उनके सामने दवा का सेवन कर सकता है। श्री सिंह ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में जिले में अब तक 25.16 लाख लोग दवा का सेवन कर चुके हैं। क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली फाइलेरिया बीमारी को हाथीपांव के नाम से भी जानते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति में पांच से पंद्रह साल बाद भी लटकने वाले अंगों में सूजन के रूप में लक्षण प्रकट होते हैं। हाथ, पैर, स्तन और अंडकोष में सूजन इसके प्रमुख लक्षण है। एक बार लक्षण दिखने के बाद बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं होती है। अगर बचाव की दवा का सेवन कर लिया जाए तो शरीर में मौजूद माइक्रोफाइलेरिया नष्ट हो जाएंगे और यह लक्षण कभी नहीं आ पाएंगे।



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