जनवरी में सादात थाने को बनाया था पूरे यूपी में नम्बर 1, अब घूसखोरी के मामले में सादात के थानेदार हुए सस्पेंड, अभी तक हैं फरार





सादात। बीते दिनों सादात थाने के दारोगा आफताब आलम द्वारा गाड़ी रिलीज करने के नाम पर एक व्यक्ति से घूस लेने के मामले दारोगा को एंटी करप्शन टीम द्वारा रंगे हाथ पकड़े जाने के मामले में सादात एसओ आलोक त्रिपाठी के खिलाफ टीम द्वारा नामजद मुकदमा दर्ज कराने के बाद चुनाव आयोग ने अब जाकर थानाध्यक्ष व उक्त दारोगा को सस्पेंड कर दिया है। आदर्श आचार संहिता लगे होने के चलते बिना चुनाव आयोग की इजाजत के अब तक दोनों को सस्पेंड नहीं किया गया था। इस मामले में दारोगा को रंगे हाथ टीम ने पकड़ा था। जिसमें एसओ आलोक त्रिपाठी का नाम भी सामने आया था कि एसओ से मिलकर ही दारोगा ने घूस मांगी थी। इस मामले में टीम ने एसओ के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया था। अब आलोक त्रिपाठी को निलंबित किए जाने के बाद गोराबाजार के चौकी इंचार्ज शैलेंद्र पांडेय को सादात एसओ नियुक्त किया गया है। बता दें कि घूसखोरी में नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद आलोक त्रिपाठी अपना सीयूजी नंबर किसी और को देकर फरार हो गए थे। तभी से वो फरार चल रहे हैं। अब उन्हें व दारोगा को आयोग की अनुमति के बाद निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि जनवरी माह में सादात थाने को भारत के गृह मंत्रालय ने पूरे उत्तर प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ थाना घोषित किया था। जिसके बाद 26 जनवरी को तत्कालीन एसओ आलोक त्रिपाठी को डीएम ने गणतंत्र दिवस के समारोह में गृह मंत्रालय के उस प्रशस्ति पत्र को सौंपा था। अब इस तरह के घूसखोरी जैसे निम्न काम मे आरोपी बनकर निलंबित होने के बाद पूरे क्षेत्र में जमकर किरकिरी हो रही है।



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